सरकार ने खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को दी मंजूरी, 10,103 करोड़ रुपये होंगे खर्च

Govt approves National Mission:

Govt approves National Mission: केंद्र सरकार ने गुरुवार को भारत को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये की लागत के साथ खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी है।भारत अपनी खाद्य तेल की सालाना जरूरत का 50 प्रतिशत से ज्यादा आयात करता है।

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘अगले सात सालों में तिलहन उत्पादन मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से मंत्रिमंडल ने 2024-25 से 2030-31 के लिए 10,103 करोड़ रुपये की लागत के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है।’’

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सरकार ने कहा कि मिशन का लक्ष्य साल 2022-23 के प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर वर्ष 2030-31 तक 6.97 करोड़ टन करना है।साथ ही सरकार ने कहा है कि इसका मकसद तिलहन की खेती को अतिरिक्त 40 लाख हेक्टेयर में बढ़ाना है।भारत, इंडोनेशिया और मलेशिया से पामतेल तथा ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल का आयात करता है। सूरजमुखी को मुख्य रूप से रूस और यूक्रेन से आयात किया जाता है।

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निम्न आय वाले परिवार का अहम कंपोनेंट-  केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा आज कैबिनेट में अप्रूव हुआ नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स-ऑयलसीड्स का। सरसों हो गई, सोयबीन हो गया, मूंगफली हो गई, और भी कई सारे ऑयलसीड्स हैं।उन सब के लिए टोटल 10, 103 करोड़ रुपये हैं। खाने के तेल हर मध्यम वर्गीय और निम्न आय वाले परिवार के लिए फूड सिक्योरिटी का अहम कंपोनेंट हैं।”

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