भारतीयों के लिए गर्व! गुजरात का गरबा नृत्य यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल

Gujarat Creates History: यूनेस्को ने गुजरात के पारंपरिक नृत्य ‘गरबा’ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची’ में शामिल किया है।भारत ने नवरात्रि उत्सव के दौरान पूरे गुजरात और देश के कई हिस्सों में किए जाने वाले गरबा नृत्य को यूनेस्को की सूची में शामिल करने के लिए नॉमिनेट किया था।एक्स पर एक पोस्ट में, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गरबा को ‘गुजरात की पहचान’ बताया और यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में इसके शामिल होने की तारीफ की।इसे ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 2003 कन्वेंशन’ के तहत इस तरह की सिफारिश करने वाली समिति की बैठक के बाद सूची में शामिल किया गया।

Read also-रेवंत रेड्डी: एक दमदार फाइटर जिसने मजबूत बीआरएस का मुकाबला किया और जीत हासिल की

अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए अंतर सरकारी समिति’ की बैठक मंगलवार को बोत्सवाना के कसाने में हुई थी।यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, गरबा एक भक्तिपूर्ण नृत्य है जो नारी शक्ति की पूजा के लिए समर्पित है।वेबसाइट में कहा गया है कि गरबा, सामाजिक-आर्थिक, लैंगिक और धार्मिक बाधाओं को तोड़कर सामाजिक समानता को बढ़ावा देता है।

हिरेन कांकड़िया, गरबा कार्यक्रम आयोजक: बट गरबा की जो प्रथा रही है वो गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर का एक हिस्सा रही है कई दशकों से। मां जगदंबा की अराधना करते हुए ये युवा जिस तरीके से नौ दिन दुर्गा मां और मां जगदंबा की अराधना करते हैं। वो देखने लायक होता है। आप लोग सब गुजरात के लोग खासकर भारत के निवासी इसको जानते हैं। लेकिन अब इसी ख्य़ाति जो है गरबा का जो ख्याति है, गरबा का जो विषय है वो अंतरराष्ट्रीय फलक पर यूनेस्को के माध्यम से जाएगा।

( Source PTI )

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana TwitterTotal Tv App

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *