(अनिल कुमार) मुख्यमंत्री ने नार्को समन्वय केंद्र की राज्य स्तरीय समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रग्स की समस्या खत्म करने के लिए न केवल पुलिस बल्कि सभी संबंधित विभागों को मिल-जुलकर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रग्स न केवल अंतरराज्यीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय समस्या बन गई है। कई तरह के वित्तीय लेन-देन से ड्रग्स के मामले जुड़े होते हैं। ड्रग तस्करों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई, तस्करों को जेल भेजने के साथ-साथ उनकी संपत्ति को भी जब्त करना होगा। हरियाणा में तो हाल ही में कई जगहों पर तस्करों की संपत्तियों को नष्ट किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत को नशामुक्त करने की दिशा में अथक प्रयास कर रहे हैं। हरियाणा सरकार भी राज्य में नशामुक्ति के लिए कड़े कदम उठा रही है। ड्रग तस्करी से राष्ट्र सुरक्षा को भी खतरा होता है, इसलिए मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए सभी विभागों को समन्वय स्थापित कर जागरूकता अभियान चलाने के साथ – साथ तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लानी होगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि समय-समय पर सरकार के पास ऐसी सूचनाएं मिलती हैं कि नशामुक्ति केंद्रों में भी कभी – कभी नशे का सामान उपलब्ध करवाया जाता है। इसलिए प्रदेश में जितने भी नशा मुक्ति केंद्र चाहे सरकारी हों या गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से चलाए जा रहे हों, उन सभी की मैपिंग की जाए और 31 दिसंबर तक सर्वे कर यहां ईलाज के लिए आए मरीजों के आंकडों का विश्लेषण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार का नारा है कि तू निश्चय तो कर, नशा पकड़वाओं, नशा छुटवाओ। इसके लिए एंटी ड्रग्स हेल्पलाईन नंबर – 9050891508 भी जारी किया है।
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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस नंबर का प्रचार सार्वजनिक स्था नों के साथ-साथ हरियाणा परिवहन की बसों पर भी किया जाए, ताकि आमजन को जागरूक किया जा सके। उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे भी राज्य सरकार की नशामुक्ति की मुहिम से जुड़ें और जहां कहीं भी नशा तस्करी या नशे के उपयोग की सूचना मिलती है तो तुरंत पुलिस को दें। क्योंकि नशे के खात्मे के लिए इसकी मांग व आपूर्ति की चेन को तोड़ना बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समाज से नशे की मुक्ति के लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसलिए नशे की बुराईयों, उससे होने वाली बिमारियों व समाज में इसके प्रतिकूल प्रभाव जैसे विषयों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाकर समाज विशेषकर युवाओं को जागरूक करें। इतना ही नहीं, शीघ्र ही कोई एक दिन निश्चिगत करें और उस दिन स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को नशे के विरूद्ध ई-शपथ दिलाई जाए।