लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लेखाकारों की 21वीं विश्व कांग्रेस को संबोधित किया

(प्रदीप कुमार) लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज मुम्बई में लेखाकारों की 21वीं विश्व कांग्रेस को संबोधित किया। इस अवसर पर बोलते हुए ओम बिरला ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट आर्थिक जगत के इंजन हैं और विश्व आर्थिक जगत के शिल्पकार भी। अर्थतन्त्र में उनके योगदान के कारण ओम बिरला ने चार्टर्ड अकाउंटेंट को आर्थिक जगत का ऋषि मुनि भी कहा। स्पीकर बिरला ने चार्टेड अकाउंटेंटों की निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने की जो परीक्षा ली जाती है, वह काफी विश्वसनीय होती है। आज तक उनकी परीक्षा प्रणाली पर कोई सवाल नहीं उठे, यह ICAI की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता का सबसे बड़ा उदाहरण है।

चार्टेड अकाउंटेंटों की भूमिका रेखांकित करते हुए ओम बिरला ने कहा कि नए इनोवैशन, नई सोच और नई तकनीक के अनुसार काम करने की शक्ति और सामर्थ्य चार्टेड अकाउंटेंटों में हैं। उनके द्वारा लाए गए सकारात्मक परिवर्तन के माध्यम से एक समृद्ध समाज एवं राष्ट्र का निर्माण संभव है। स्पीकर बिरला ने यह भी कहा क़ि आने वाले समय में किसी भी देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए नए इनोवैशन, नई सोच और नई तकनीक के अनुसार काम करने की शक्ति और सामर्थ्य उनमे हैं और वे विश्व अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। उनके कार्यों से आर्थिक जगत में सकारात्मक परिवर्तन हुआ है और समाज में आर्थिक, सामाजिक परिवर्तन हो रहे हैं।

ओम बिरला ने विचार व्यक्त किया कि लोकतंत्र में चर्चा, संवाद और विचार विमर्श के माध्यम से समावेशी विकास होता है। आज पूरा विश्व लोकतंत्र को शासन की सर्वश्रेष्ठ पद्धति मान रहा है और इसे अपना रहा है। इस परिप्रेक्ष्य में बिरला ने आह्वान किया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने दक्षता और कार्य प्रणाली से लोकतंत्र को और मजबूत करे। उन्होंने ये भी कहा कि ICAI की बदलती हुई कार्य प्रणाली से संस्था ने सभी हितधारकों का विश्वास जीता है। समय के साथ व्यापर के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के अनुरूप ICAI और लेखांकन के कार्य से जुड़े पेशेवरों ने अपनी कार्यप्रणाली को भी बदला है और अपने कार्य के प्रति उनकी इस प्रतिबद्धता ने सभी हितधारकों का विश्वास जीता है जिससे इसे लोकतंत्र भी मजबूत हुआ है।

 

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ओम बिरला ने डिजिटल अर्थव्यवस्था में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि टेक्नॉलजी का विश्व पर प्रभाव और डिजिटल अर्थव्यवस्था विश्व में टेक्नॉलोजी के परिवर्तन के कारण आज चार्टर्ड एकाउंटेंट्स भूमिका बहुत बढ़ गई है। आज वैश्वीकरण और डिजिटल अर्थव्यवस्था ने हमारे सामने नई चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं। आर्थिक क्षेत्र के एक्सपर्ट होने के कारण, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इस परिवर्तन को अच्छी तरह समझते हैं और उनके अंदर यह क्षमता है कि उनकी सलाह से इस बदलते समय में विश्व के समक्ष चुनौतियों का समाधान संभव हो सकता है। ओम बिरला ने यह भी कहा कि चार्टर्ड एकाउंटेंट्स किसी भी देश के अर्थ तंत्र को मजबूत कर सकते हैं और अर्थनीति को बूस्ट कर सकते हैं।साथ ही कई अन्य क्षेत्रों जैसे व्यापार, कृषि, उद्योग जैसे कई sectors के अंदर, विभिन्न कंपनियों, संस्थाओं के सामने एक बेहतर विकल्प देकर उस देश के अंदर इंडस्ट्रीज़ और सर्विस सेक्टर में नई पहल कर सकते हैं जिससे उस देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट किया जा सकता है। स्पीकर ने कहा कि किसी भी देश में आर्थिक बदलाव लाने में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स भूमिका ही सबसे महत्वपूर्ण है।

वैश्विक चुनौतियां का जिक्र करते हुए ओम बिरला ने कहा कि आज हमारे सामने कई वैश्विक चुनौतियां हैं जैसे की कोविड-19 महामारी , जलवायु परिवर्तन , आर्थिक चुनौतियां और प्रत्येक समस्या विश्व के सभी देशों को प्रभावित कर रही है। वैश्विक चुनौतियों का समाधान वैश्विक प्लेटफार्म पर चर्चा संवाद करके ही निकाला जा सकता है।ओम बिरला ने कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में अंतरराष्ट्रीय सहयोग ही मानवता के साझे भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे उपयुक्त मार्ग है। समृद्ध आर्थिक तंत्र स्थापित करने में, आर्थिक बदलाव के वाहक के रूप में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि अब सारी दुनिया एक है और दुनिया में सामाजिक, आर्थिक, जो कुछ भी संकट आता है तो उसका प्रभाव सभी देशों पर पड़ता है।

ओम बिरला ने सुझाव दिया कि चार्टर्ड एकाउंटेंट्स आपस में नियमित विचार-विमर्श का एक सिस्टम बनाएं, अपने नवाचारों और बेस्ट practices को साझा करें, ताकि अधिकतम अंतरराष्ट्रीय सहयोग से एक समृद्ध वैश्विक आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना कर सकें। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी वैश्विक कार्य योजना बनाए जिससे कि हम अपने अपने देशों के अंदर उपलब्ध संसाधनों, मैनपावर, टेक्नॉलजी के आधार पर एक मजबूत अर्थ तंत्र स्थापित कर सकें ताकि सभी देश आर्थिक रुप से समृद्ध हो सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि हमारा वैश्विक सहयोग का एक ऐसा मॉडल बने, ऐसी रूपरेखा बने, जो सभी वैश्विक विषयों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रेरणा बन सके।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की मुंबई यात्रा के दौरान, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ओम बिरला से मुलाकात की और अभिवादन किया। स्पीकर बिरला का मुंबई में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का दौरा राज्य के लिए गौरव का क्षण है। दोनों नेताओं ने आपसी हित के कई मुद्दों पर चर्चा की।

 

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