HARYANA CM UPDATE- हरियाणा सरकार ने शहरी विकास को बढ़ावा देने और बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ् करने के दृष्टिगत एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए प्रदेशभर में 450 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में सरकार द्वारा लिया गया यह परिवर्तनकारी निर्णय शहरी विकास, नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने और संगठित व सुव्यवस्थित शहरीकरण को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इन 450 कॉलोनियों में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की 239 कालोनियां तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग की 211 कालोनियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आज नियमित की गई कालोनियों में पहली बार उन अनधिकृत कालोनियों को भी नियमित किया गया है, जो पालिका क्षेत्रों के बाहर स्थित हैं। ये नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अन्तर्गत आती हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि इससे पहले वर्ष 2014 से 2022 तक शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अन्तर्गत आने वाली 685 कालोनियां नियमित की गई थीं। इस प्रकार, आज नियमित होने वाली कॉलोनियों को नियमित करने से वर्ष 2014 से अब तक कुल 1135 अनधिकृत कॉलोनियां नियमित हो जाएंगी।
सरकार 1856 और कॉलोनियों को नियमित करने पर कर रही विचार कर रही
मुख्यमंत्री ने अनधिकृत कॉलोनियों के संबंध में भविष्य की योजना को साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 1856 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करना विचाराधीन है। इनमें 727 कॉलोनियां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग तथा 1129 कॉलोनियां शहरी स्थानीय विभाग के अंतर्गत आती हैं। इन कॉलोनियों में मापदण्ड पूरे होने पर इन्हें भी नियमित किया जाएगा। यह राज्य के शहरी नियोजन और विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए नियमों को आसान बनाया
मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 874 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया था। हालाँकि, वर्तमान सरकार ने एक अलग दृष्टिकोण अपनाया और नागरिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए नियमितीकरण के मानदंडों में ढील दी है।
उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने के लक्ष्य से नागरिकों की सुविधा के लिए अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने हेतु मानदण्डों में छूट दी है। जिन कॉलोनियों तक पहुंचने वाली सड़क 6 मीटर या इससे अधिक तथा आंतरिक सड़कें 3 मीटर या इससे अधिक चौड़ी हैं, अब उन्हें नियमित किया गया है। इन कॉलोनियों के नियमित होने से निवासियों को बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ अनधिकृत कॉलोनियां पालिका क्षेत्र से बाहर भी बन गई थी। इनमें रहने वाले लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे। हमने उनकी पीड़ा को समझा है और पहली बार पालिका क्षेत्रों से बाहर की कॉलोनियों को भी नियमित करने का काम किया है।
उन्होंने बताया कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अधिकार क्षेत्र में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी। इस समिति ने नगरपालिका क्षेत्र से बाहर बसी हुई कॉलोनियों में आवश्यक सेवाओं व नागरिक सुविधाओं के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर विचार–विमर्श किया और कुछ सिफारिशें की। इनके आधार पर सरकार ने कम से कम 2 एकड़ क्षेत्र में बसी अलग–थलग कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया। हालांकि, यह नियम उस कॉलोनी पर लागू नहीं होगा, जो किसी अन्य अधिकृत, लाइसेंसशुदा अथवा नियमित कॉलोनी के समीप है और उसके लिए रास्ता उसी कॉलोनी के अंदर से जाता है।
कॉलोनी के नियमितीकरण के लिए संबंधित जिले के सदस्य सचिव (संयोजक) डीटीपी को देना होगा आवेदन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पालिका क्षेत्र से बाहर की कॉलोनी को नियमित करवाने के लिए संबंधित पक्ष को संबंधित जिले के सदस्य सचिव (संयोजक) डी.टी.पी. के पास आवेदन जमा करवाना होगा, जो इन आवेदनों को डिस्ट्रिक्ट लेवल स्क्रूटनी कमेटी को भेजेगा। उन्होंने कहा कि पहले से विकसित कॉलोनियों में पंजीकृत नागरिक कल्याण समिति नहीं होंगी, समिति बनाकर उसे पंजीकृत करवाने में भी काफी समय लगता है। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि पंजीकृत नागरिक कल्याण समिति या डेवलपर या कॉलोनी के कम से कम 5 निवासियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदनों पर भी विचार किया जाएगा। इनके बाद प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सोसायटी को पंजीकृत करवाया जा सकता है।
‘ए‘ और ‘बी‘ श्रेणी की कॉलोनियों में पहुंच सड़क कम से कम 6 मीटर चौड़ी व आंतरिक सड़कों की कम से कम चौड़ाई 3 मीटर होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने सड़क की चौड़ाई और वाणिज्यिक क्षेत्र मानदंडों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ‘ए‘ और ‘बी‘ श्रेणी की कॉलोनियों में पहुंचने के लिए कम से कम 6 मीटर चौड़ा मार्ग होना चाहिए। आंतरिक सड़कों की कम से कम चौड़ाई 3 मीटर होनी चाहिए। इसके अलावा, श्रेणी ‘सी‘ और ‘डी‘ में आने वाली कॉलोनियों के लिए, किसी भी चौड़ाई के मुख्य रास्ते वाले आवेदनों पर विचार करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि इन आवासीय कालोनियों में वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत से अधिक हो सकता है। जिन आवासीय कॉलोनियों में कमर्शियल क्षेत्र पहले ही 4 प्रतिशत से अधिक विकसित है या कमर्शियल गतिविधियों के लिए आवंटित अथवा पंजीकृत है, उन कॉलोनियों को भी अतिरिक्त शुल्क के साथ नियमित किया जाएगा। लेकिन इसमें मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल और बैंक्वेट हॉल आदि शामिल नहीं होंगे।
इसके अलावा, पालिका क्षेत्र से बाहर पड़ने वाली आवासीय कॉलोनियों को नियमित करने के लिए जो विकास शुल्क किये गए हैं, वे अविकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट का 8 प्रतिशत तथा विकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट का 5 प्रतिशत देय होगा।
पालिका क्षेत्र में विकास शुल्क सभी तरह के क्षेत्र पर 5 प्रतिशत होगा
श्री मनोहर लाल ने कहा कि वाणिज्यिक क्षेत्र 4 प्रतिशत होगा और इस सीमा से अधिक वाणिज्यिक क्षेत्र पर विकास शुल्क का तीन गुणा देय होगा। कलेक्टर रेट विकास प्लान के रिहायशी जोन में पड़ने वाली कृषि भूमि पर लागू कलेक्टर रेट की दरों के बराबर होगा। पालिका क्षेत्र में विकास शुल्क सभी तरह के क्षेत्र पर 5 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा कि हम नागरिकों पर एक बार में ही विकास शुल्क का भार नहीं डालना चाहते। इसलिए विकास शुल्क की अदायगी को भवन नक्शों, बिक्री अथवा खरीद की स्वीकृति आदि से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि पालिका क्षेत्र से बाहर के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए अंतिम प्राधिकारी डीएलएससी के अध्यक्ष को बनाया गया है। पालिका क्षेत्र में ये शक्तियां डिविजनल कमिश्नर के पास होंगी। हमने ऐसी कॉलोनियों में सेल डीड पर पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसलिए 1 जुलाई, 2022 से पहले जिन्होंने बिक्री के लिए सेल डीड या एग्रीमेंट टू सेल पंजीकृत करवा रखे थे, उन्हें बेचा हुआ माना जाएगा।
500 वर्ग मीटर तक के पार्क, खुले स्थान और सामुदायिक हॉल का किया गया प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाली कॉलोनियों में रहने के लिए बेहतर वातावरण बनाने हेतु 500 वर्गमीटर तक के पार्क, खुली जगहों और सामुदायिक भवन के प्रावधान किए जाएंगे। इसके लिए उन कॉलोनियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनमें डेवेलपर के स्वामित्व वाला क्षेत्र बेचा नहीं गया है।
इसके अलावा, इन कॉलोनियों में अग्निशमन मानदंडों में ढील देने की जरूरत है, जिनके लिए डेवेलपर/आर.डब्ल्यू.ए. द्वारा आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे और अग्निशमन विभाग से लिखित में परामर्श किया जाएगा। इस बारे संबंधित डेवेलपर/आर.डब्ल्यू.ए. संबंधित उपायुक्त और जिला नगर योजनाकार को सूचित करेंगे।
Read also-दिल्ली में ‘आप’ और ‘कांग्रेस’ के बीच खींचतान पर बोले संजय राउत- ‘इंडिया’ गठबंधन में कोई दरार नहीं
इन आवासीय कॉलोनियों में पहले से बने सभी मकानों की वर्तमान स्थिति बरकरार रखी जाएगी
श्री मनोहर लाल ने कहा कि इन आवासीय कॉलोनियों में पहले से बने हुए सभी मकानों की वर्तमान स्थिति बनी रहेगी। नीतिगत निर्देशों की अधिसूचना से पहले विभाग द्वारा ड्रोन सर्वेक्षण भी करवाया गया था, इसलिए ऐसे निर्देशों के तहत कवर की गई कॉलोनियों में भूखंडों पर निर्माण किए जाने की संभावना है। अतः आवेदन जमा करने की समय सीमा को और 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि निमयन उपरांत जो कॉलोनियां पालिका क्षेत्र से बाहर पड़ती हैं, उनके विकास कार्य हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा किए जाएंगे। पालिका के भीतर स्थित कॉलोनियों के विकास कार्य संबंधित नगर पालिका द्वारा किए जाएंगे।