Haryana News: राष्ट्रीय राजधानी समेत हरियाणा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच, पिछले कुछ दिनों में कैथल जिले में 14 किसानों को उनके खेतों में पराली जलाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। सोमवार यानी की आज 21 अक्टूबर को एक पुलिस अधिकारी ने यह सूचना दी।
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दरअसल, कटाई के बाद के मौसम के दौरान दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के लिए अक्सर हरियाणा और पड़ोसी पंजाब में पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है, खासतौर से अक्टूबर और नवंबर महीने में। हरियाणा के कैथल जिले के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) बीरभान ने फोन पर बताया कि पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के लिए 14 किसानों को गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया क्योंकि यह अपराध जमानती है। उनका कहना था कि पराली जलाने के मामले वायु (प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम और कानून के अन्य संबंधित प्रावधानों के तहत दर्ज किए गए हैं। पानीपत और यमुनानगर समेत कुछ अन्य जिलों में भी हाल ही में पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं।
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बता दें, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों को पराली जलाने के मामले में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने के लिए फटकार लगाई थी। 23 अक्टूबर को दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को उनके सामने पेश होकर समझाने को कहा गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को जस्टिस अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने निर्देश दिया कि पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों को उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।