चंडीगढ़: बढ़ती गर्मी के कारण हरियाणा में बिजली की मांग रिकॉर्ड तोड़ रही है। इससे हरियाणा के ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने लगे हैं। इस कारण प्रदेश में रोज करीब 100 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर जल रहे हैं।
सबसे अधिक गांवों में दिक्कत है। ट्रांसफार्मर जलने से कई जिलों में बिजली सप्लाई बाधित हो रही है। हालांकि, निगम का दावा है कि जलने के तुरंत बाद ट्रांसफार्मर बदलने के आदेश हैं, लेकिन कई कई दिन तक ट्रांसफार्मर नहीं बदलने से उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बिजली निगमों के पास 6 लाख 6068 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर हैं, जिनसे घरों में बिजली सप्लाई दी जाती है। इनमें से उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के पास करीब 3.3 लाख ट्रांसफार्मर हैं।
निगम के आंकड़ों के अनुसार, औसतन हर साल बिजली निगमों के करीब 30 हजार डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। मान कर चले प्रतिदिन 82 ट्रांसफार्मर जलते हैं।
जबकि गर्मी के सीजन में इनके जलने या फिर खराब होने की आशंका और बढ़ जाती है। ऐसे में प्रतिदिन हर जिले में 5 से 7 ट्रांसफार्मर जल जाते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली के उपभोक्ताओं की कुल संख्या 76 लाख से अधिक है।
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विभाग के पास कुल सर्किल 20 हैं और 58 डिविजन और 254 सब डिविजन हैं। हरियाणा में एक जुलाई से बिजली की मांग बढ़ती जा रही है।
हरियाणा की कुल क्षमता 12,187 मेगावाट प्रतिदिन की है, जबकि 1 जुलाई को मांग 11,384 पहुंच गई थी। इसके दो दिनों के बाद से फिर से मांग 11,800 तक पहुंच गई। निगम के अनुसार, रोजाना 25.54 करोड़ यूनिट की सप्लाई की गई।
बिजली निगम के अधिकारी बताते हैं कि ट्रांसफार्मर जलने का असल कारण ओवरलोड होना है। अब भी काफी संख्या में उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनका लोड अधिक है, लेकिन उन्होंने विभाग में कम लिखवा रखा है।
इस कारण विभाग के पास लोड का असली आंकड़ा नहीं होता है। ऐसे में एक ही ट्रांसफार्मर पर अधिक कनेक्शन या फिर अधिक लोड होने वह जल जाते हैं। गर्मी के सीजन में लो वोल्टेज के कारण भी दिक्कत आती है।
दूसरा, समय पर हर साल ट्रांसफार्मर की मरम्मत होनी होती है। अगर तेल और वायर आदि का काम नहीं होता है तो भी ट्रांसफार्मर जलने के अधिक चांस रहते हैं।