Health News: आजकल की तेज़‑रफ़्तार ज़िन्दगी में तैयार‑खाने, पैकेज्ड स्नैक्स और मीठे ड्रिंक्स ने हमारी थाली में जगह बना ली है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन “अल्ट्रा‑प्रोसेस्ड” खाने‑पीने की चीज़ों का रोज़ाना सेवन आपके स्वास्थ्य को कितनी बड़ी कीमत पड़ सकता है? नई शोधें बताती हैं कि इनका अधिक सेवन न सिर्फ वजन बढ़ाता है, बल्कि कई खतरनाक रोगों की दहलीज़ भी खोल देता है। Health News
मोटापे का सीधा रास्ता
एक बड़े स्पेनिश कोहरट स्टडी ने दिखाया कि जो लोग दिन में 4 से अधिक सर्विंग्स अल्ट्रा‑प्रोसेस्ड फ़ूड लेते हैं, उनकी कुल मृत्यु‑दर 62% तक बढ़ जाती है। इसी तरह, एक Cell Metabolism की रिपोर्ट कहती है कि ऐसे खाने से लोग रोज़ 500 कैलोरी अधिक खा लेते हैं, जिससे वजन बढ़ना लगभग तय है।
डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर का जोखिम
-उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले प्रोसेस्ड फ़ूड्स ब्लड शुगर को तेज़ी से बढ़ाते हैं, जिससे इंसुलिन रेज़िस्टेंस और टाइप‑2 डायबिटीज का खतरा 12% तक बढ़ता है।
-सोडियम और ट्रांस‑फ़ैट की भरपूर मात्रा रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है, जिससे हृदय‑वहिनी रोगों की संभावना बढ़ती है।
-फ्रेंच BMJ स्टडी के अनुसार, अल्ट्रा‑प्रोसेस्ड फ़ूड की 10% बढ़ोतरी कैंसर के जोखिम को 12% तक बढ़ा देती है।
गट‑हेल्थ पर भी असर
ये खाद्य पदार्थ अक्सर फाइबर‑रिच नहीं होते और कई रासायनिक एडिटिव्स (एमल्सिफ़ायर्स, नाइट्रेट आदि) से भरपूर होते हैं। इससे गट माइक्रोबायोटा बिगड़ता है, जिससे ब्लोटिंग, कब्ज़ और इफ़्लैमेटरी बाउल डिसीज़ जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
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मानसिक स्वास्थ्य भी पीछे नहीं
अध्ययनों ने दिखाया है कि अल्ट्रा‑प्रोसेस्ड फ़ूड का सेवन डिप्रेशन और एन्सायटी के जोखिम को 30% तक बढ़ा सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि “अल्ट्रा‑प्रोसेस्ड फ़ूड में मौजूद शुगर, अनहेल्दी फैट और एडिटिव्स मेटाबॉलिक हेल्थ को बिगाड़ते हैं। ये सिर्फ़ कैलोरी नहीं, बल्कि हॉर्मोनल इम्पैक्ट भी डालते हैं।”
क्या करें?
पैकेज्ड स्नैक्स की जगह ताज़ा फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज चुनें। अगर‘हाई‑फ़्रक्टोज़ कॉर्न सिरप’, ‘ट्रांस‑फ़ैट’ या कई E‑नंबर दिखें, तो हाथ रोकें। रोज़ 2‑3 सेविंग्स से कम अल्ट्रा‑प्रोसेस्ड फ़ूड रखें। Health News
