Health News: कई बार बच्चा उम्र बढ़ने के बाद भी वैसे काम नहीं करता जैसे उसके हमउम्र के बच्चे करते हैं। जिसकी वजह से माता-पिता परेशान रहते हैं। बच्चों में इस कमी के कई सारे कारण हो सकते हैं। कई बार कुछ बच्चे जन्म से ही मानसिक स्वस्थ नहीं होते। वहीं दूसरी और कई बार ऐसा भी होता है कि बड़े होकर किसी सदमे या चोट के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका गलत प्रभाव पड़े। कई बच्चों में ये चीज़ में भी देखी गई कि दिन भर खेलने कूदने के बाद भी वह नहीं थकता। बात करने पर या नजरें मिलाने में वह हिचकिचाता है तो हो सकता है कि वह ऑटिज्म या ADHD जैसी बीमारी का शिकार हो।
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क्या होते हैं लक्षण ?
ऑटिज्म या ADHD से ग्रस्त बच्चे की जिंदगी हम सभी से अलग होती है, उसकी जरूरतें और चुनौतियां सभी सामान्य लोगों से अलग होती है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति ना तो किसी के साथ नजरें मिलाता हैं। वह व्यक्ति उन्हीं चीजों पर गौर करता है जो उसे अपने फायदे या काम की लगती है। कई बार ये लोग किसी के बुलाने पर भी नहीं बोलते। ऐसा ये जानबूझकर नहीं करते बल्कि इसके पीछे का कारण यह है कि जब इनके मस्तिष्क को कोई काम जरूरी नहीं लगता तो उस पर रिस्पांस करने के लिए उनका दिमाग सिग्नल नहीं भेजता।
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क्या होता है ऑटिज्म ?
इस बीमारी में व्यक्ति या तो किसी काम को करते हुए मग्न हो जाता है या फिर जरा सा भी ध्यान नहीं देता। अगर वह व्यक्ति किसी में ध्यान लगाता है तो वह भूल जाता है कि उसके आस-पास क्या हो रहा है। ऐसा भी नहीं है कि ज्यादा ध्यान लगाने से वें अपने काम में महारत हासिल कर लेते हैं बल्कि ऐसा करने से कई बार उनको भारी नुकसान हो जाता है। उन्हें यह ही नहीं पता होता कि उनके आस पास कहीं कोई घटना तो नहीं घट रही। जब इनका ध्यान किसी काम में नहीं लगता तो अधिक समझाने पर भी यह बच्चे उस काम को सही से नहीं कर पाते । इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति मिनट में चिड़चिड़ा और दूसरे ही मिनट खुश हो जाता है। जिसकी वजह से उनके शरीर में हार्मोन बैलेंस नहीं हो पाते।
ADHD के क्या हैं लक्षण ?
Attention deficit hyperactivity disorder को ADHD कहा जाता है। यह भी ऑटिज्म की तरह एक मानसिक विकार है। यह बचपन में होने वाले न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर के कारण होता है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति अपनी प्रतिक्रियाओं को रोक नहीं पाता है। किसी भी विषय पर अगर वह कोई भी प्रतिक्रिया देता है तो उस पर उसकी बॉडी खुद रिस्पांस करती है। साथ ही उन्हें किसी भी सामान्य से काम को पूरा करने के लिए असहजता महसूस होती है। उन लोगों में अक्सर ध्यान की कमी भी देखने को मिलती है।
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ADHD और ऑटिज्म में अंतर ?
ध्यान- इन दोनों में सबसे पहला अंतर होता है ध्यान का। ऑटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति केवल उन्हीं चीजों पर ध्यान केंद्रित कर पाता है, जिनमें उनकी रूचि होती है। ऑटिज्म वाले व्यक्ति को उस काम में ध्यान लगाने में बेहद कठिनाई होती है,जिनमें उनकी रुचि नहीं होती वहीं बात करें ADHD वाले व्यक्ति का वे एक ही काम को बार-बार करने से ऊब जाते हैं उस काम से उनकी रूचि खत्म हो जाती है।
बात करने में – ऑटिज्म से ग्रस्त व्यक्ति बात करने में बेहद असहज महसूस करता है। वह अपनी बात रखने में, बोलते वक्त बॉडी लैंग्वेज का प्रयोग करने में उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर, ADHD से बीमार व्यक्ति को बात करने में कोई परेशानी नहीं होती। वह लगातार एक ही विषय पर घंटों बातचीत कर सकते हैं।
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