(प्रदीप कुमार) हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कुल 68 सीटें हैं। राज्य में फिलहाल में बीजेपी की सरकार है। बीजेपी को सत्ता में बरकरार रखने के लिए पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार की कमान संभालते हुए कई रैली की है। वहीं कांग्रेस भी चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है। इन दोनों पार्टियों के बीच आम आदमी पार्टी भी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी है। हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी, 2023 को समाप्त हो रहा है।
2017 में बीजेपी ने हिमाचल में पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव में बीजेपी 44, तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि 3 सीटों पर अन्य उम्मीदवार जीते थे। हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी और पुलिस पेपर लीक मामला शामिल है। इसके अलावा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी का भी असर हो सकता है।
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हिमाचल में शुरू से मुख्य लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रही है। 1983 से अब तक के आंकड़े देखें तो पांच साल बीजेपी और पांच साल कांग्रेस ने प्रदेश पर राज किया है। हालांकि, इस बीच लंबे समय तक कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ही मुख्यमंत्री रहे। अब उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह कांग्रेस की अगुआई कर रहीं हैं। वहीं, बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई में पार्टी चुनावी मैदान में है। ऐसे में मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच बताया जा रहा है। हालांकि आम आदमी पार्टी के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
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