हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का हुआ ऐलान

(प्रदीप कुमार): हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। चुनाव आयोग ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में हिमाचल प्रदेश चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में एक चरण में चुनाव होगा। 12 नवंबर को मतदान Voting होगी और 8 दिसंबर को मतगणना Counting होगी। हिमाचल चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अक्टूबर को जारी होगी नामांकन करने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर है और 29 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकते हैं।

हालांकि गुजरात में चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ। चुनाव आयोग ने अपनी पीसी में कहा कि दीपावली के बाद गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। गुजरात में दिसंबर के मध्य में दो चरणों में मतदान हो सकता है। गुजरात में दो राउंड में ही वोटिंग की परंपरा रही है। साल 2017 में भी चुनाव आयोग ने हिमाचल और गुजरात की तारीखों का अलग-अलग ऐलान किया था।

चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एक चरण में चुनाव होगा। उन्होंने बताया कि हर मतदान केंद्र ग्राउंड फ्लोर पर ही होगा। हिमाचल में इस बार कुल 55.07 लाख मतदाता वोट डाल सकेंगे।आयोग के अनुसार इस बार पोलिंग स्टेशनों में से कुछ में 100 फीसद महिला कर्मी होंगी। इस कदम से आयोग महिला सशक्तिकरण का संदेश देना चाहती है।कुछ पोलिंग स्टेशन को दिव्यांग कर्मचारी संभालेंगे।

चुनाव में मतदाताओं की सुविधा और चुनावी प्रक्रिया को दखल मुक्त रखने के लिए टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जाएगा। सी विजिलेंस ऐप के जरिए कोई भी मतदाता शिकायत कर सकता है। 60 मिनट के भीतर हमारी टीम पहुंचेगी और 90 मिनट के अंदर उसका निपटारा करेंगे। इसी तरह दिव्यांग मतदाता भी ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। केवाईसी ऐप के जरिए वोटर्स प्रत्याशियों की पूरी जानकारी ले सकेंगे। उनके खिलाफ यदि कोई आपराधिक केस है तो उसकी भी पूरी जानकारी होगी। इसके अलावा उम्मीदवारों को तीन बार इसे पब्लिश भी कराना होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने मीडिया को भी तथ्यों की परख के बाद पब्लिश करने की सलाह देते हुए कहा कि फेक न्यूज पर नजर रखी जाएगी। चुनाव आयोग फ्री स्कीम्स की घोषणा पर भी नजर रखेगा। इस बार निगरानी ज्यादा मुस्तैद होगी। चुनाव में मुफ्त वादों का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। आयोग ने कोर्ट में कहा था कि फ्री की परिभाषा तय नहीं होने की वजह से इस पर रोक लगाने में मुश्किलें आती हैं। हिमाचल विधानसभा की 68 सीटों में से 17 सीटें एससी वर्ग और 3 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। हिमाचल में 55.07 लाख वोटर हैं।इनमें 27 लाख 80 हजार पुरुष और 27 लाख 27 हजार महिलाएं हैं

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि, वोटर्स हमारी प्राथमिकता है, यही वजह है कि जिन लोगों को पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है वो नामांकन के दिन तक इसे हासिल कर सकते हैं। नामांकन के दिन तक वोटर जुड़ सकेंगे।

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चुनाव आयोग ने कहा कि 80 साल के ज्यादा उम्र के लोग, दिव्यांग, या कोरोना संक्रमित अगर बूथ पर नहीं आ पाते हैं तो उनके घर जाकर वोट ली जाएगी. 80 साल के ज्यादा उम्र के 1.82 लाख मतदाता हैं. आयोग के कर्मचारी 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए मतदान के लिए घरों में जाएंगे, प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।

चुनाव आयोग 3 उद्देश्यों के साथ काम कर रहा है. पहला मुक्त, निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराएं जाएं।दूसरा परेशानी मुक्त और आरामदायक मतदान का अनुभव मिले और तीसरा अधिकतम मतदाता भागीदारी हो. आयोग ने कहा कि मतदाता उम्मीदवार के बारे में केवाईसी एप से जान सकते हैं। इसके अलावा अगर राजनीतिक दल आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को उतारती है तो पार्टी को ये बताना होगा कि ऐसी क्या बाध्यता थी कि ऐसे उम्मीदवारों को चुनना पड़ा। ये उनको अपने सोशल और प्रिंट मीडिया के जरिए बताना होगा।

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