Himachal Politics: हिमाचल में सियासी जंग पर अभी नहीं लगा विराम, क्या इशारा कर रहे विक्रमादित्य सिंह के तेवर ?

Himachal Politics: हिमाचल में राज्यसभा चुनाव में हारी कांग्रेस सरकार की मुश्किलें पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई हैं। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के तेवर देखकर ऐसा ही लगता है कि सियासी जंग अभी बाकी है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी लगातार बागी विधायकों पर हमला बोल रहे हैं।

अभी कम नहीं हुईं CM सुक्खू की मुश्किलें

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में हार के बाद शुरू हुई मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की मुश्किलें अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह के तेवर देखकर तो ऐसा ही लगता है कि लड़ाई अभी बाकी है।

विक्रमादित्य ने एक दिन पहले ही यह बयान दिया था कि मेरे साथ प्रभु राम का आशीर्वाद है, कोई दिक्कत नहीं है। शिमला में बीते कल शाम को जब कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने सबकुछ ठीक होने का ऐलान किया, उसके कुछ ही देर बाद सुक्खू कैबिनेट की बैठक हुई।

Himachal Politics में क्या इशारा कर रहे विक्रमादित्य सिंह के तेवर ?

इस कैबिनेट बैठक के जरिए कांग्रेस राज्य में सब कुछ ठीक है का मैसेज देना चाहती थी पर जिस तरीके से विक्रमादित्य बैठक के बीच में से ही निकल आए उसने नई अटकले बढ़ा दी है। विक्रमादित्य ने फिलहाल इस्तीफा वापस नही लिया है, हालांकि, विक्रमादित्य ने यह जरूर कहा है कि वह इसे स्वीकार करने को लेकर सुक्खू सरकार पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएंगे। वहीं विक्रमादित्य के अचानक चंडीगढ़ रवाना होने और बागी विधायकों से मुलाकात करने की भी चर्चा सामने आई है। इन बागी 6 कांग्रेस विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया है।

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फिलहाल बागी विधायकों से मुलाकात में विक्रमादित्य की क्या बात हुई है, इसे लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन चर्चा है कि जिस तेजी के साथ बागी विधायकों पर कार्रवाई हुई है उससे बागी गुट को बड़ा झटका लगा है। चर्चा यह भी है कि यह सभी विधायक वीरभद्र गुट के रहे हैं ऐसे में उनकी सदस्यता जाने से वीरभद्र खेमा और कमजोर होगा।

हिमाचल में बदले हालात के बीच चर्चा यह भी है कि बागी गुट अब विक्रमादित्य पर निर्णायक फैसला लेने का दबाव बना रहा है। चर्चाएं ये भी है कि सुक्खू और प्रतिभा सिंह गुट के बीच सुलह की कोशिश में बागियों की सदस्यता बहाल करने के नए फॉर्मूले पर भी बात हुई है। बहरहाल हिमाचल में हलचल बनी हुई है और इस बीच विक्रमादित्य सिंह के दिल्ली दौरे की ख़बर ने राजनीतिक अटकले नए सिरे से बढ़ा दी है।

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