अमन पांडेय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 27 जनवरी को परिक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिए छात्रों, अभीभावकों और शिक्षकों से संवाद किया। तमाम बच्चों ने पीएम से सवाल किया और पीएम ने सभी का जवाब बहुत ही तरीके से सरलता के साथ समझा कर दिया। इसी दौरान एक छात्र ने पीएम से पूछा की आप अलोचनाओं से कैसे निपटते है? जिसका जवाब देते हुए पीएम ने कहा,मैं सिध्दांत को मानता हूं कि समृध्द लोकतंत्र के लिए आलोचना एक शुध्दीयज्ञ है। Pariksha pe charcha
आरोप और आलोचना में फर्क
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग साईकोलॉजी जानते है, इस लिए जानबूझकर ऐसी बात छेड़ देते हैं हम अपना विषय छोड़कर उसका जवाब देने में लग जाते है। हमें बस अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिेए। आलोचना बहुत मुश्किल काम है। ऐसे में लोग शॉर्टकट अपनाते हैं और आरोप लगाते हैं। दोनो में बहुत फर्क है। हम आरोपों पर ध्यान न दें मगर आलोचना को अपने लिए जरुरी समझें।
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घर में आलोचना नहीं होती
पीएम ने कहा आलोचना करने वाले आदतन ऐसा करते है। उन्हें एक बक्से में डाल दीजिए। घर में आलोचना नहीं होती, ये दुर्भाग्य का विषय है। घर में आलोचना के लिए आपके शिक्षकों से मिलना होता है, आपको ऑब्जर्ब करना होता है। ऐसी आलोचना काम आती है।
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