दांत शरीर का एक अभिन्न हिस्सा है। जिसका स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। लेकिन समय के साथ साथ इसमें कीड़ा लगने की समस्या भी बहुत आम है। अगर समय पर इसकी देखभाल नहीं की गयी तो ये जल्दी ही खराब हो जाते है। और फिर और भी बिमारियों को पैदा कर देते है। फिर डॉक्टर से इसे निकलवाना पड़ जाये उससे पहले ही इसकी देखभाल शुरू कर दें।
दांतों की देखभाल अगर बचपन से ही की जाए तो इसको बचाया जा सकता है। लेकिन बच्चों के दांतों की देखभाल बहुत ही मुश्किल होती है। ये तो सभी जानते है की बच्चे अपनी सेहत को लेकर कितने लोरवाह होते हैं। इसलिए अभिभावक को उन्हें एक काम के लिए आदत लगवानी पड़ती है।
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बच्चों की दांतों की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि अगर आज उनके दांतों की केयर ना की जाए तो फिर पूरी जिंदगी उन्हें इसका खामियाजा भरना पड़ता है। लेकिन पेरेंट्स भी समझ नहीं पाते है की बच्चों की डेंटल स्वास्थ का कैसे ख्याल रखा जाए। बच्चों की डेंटन को स्वस्थ और चमकदार बनाये रखना बहुत जरूरी है आइये आपको बताते है कुछ उपाय जो पेरेंट्स के लिए बहुत हेल्पफुल साबित हप सकते है। जिससे उनके बच्चों की आयु भी बढ़ सकती है।
दिन में 2 बार ब्रश करना है जरूरी
- बच्चें अक्सर सुबह ब्रश करना भूल जाते है जब तक उन्हें याद दिलाया जाय, ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए की बच्चे को दिन में दो बार दांत ब्रश करने की आदत डालें। उठने के ठीक बाद और रात को सोने से पहले दांतों को ब्रश करते हैं, तो कीटाणुओं को अपने दांतों की दरारों में जमने और समस्या पैदा करने से रोक सकते हैं। उनके लिए एक नियमित शेड्यूल होने से अपने ओरल हाइजीन रूटीन को बनाए रखना आसान हो जाएगा।
फ्लॉसिंग है जरूरी
- खाना कहते समय अक्सर ही दांतों में खाने का कोई हिस्सा फंस जाता है। दांतों के बीच फंसे खाने के हिस्सों को हटाने के लिए, फ्लॉसिंग करना उतना ही आवश्यक है जितना कि ब्रश करना। यह आपके दांतों की दरारों और आपके मसूड़ों के नीचे फंसे खाने के कणों से छुटकारा पाने में मदद करता है।
मीठा है हानिकारक
- बहुत मीठा भी दांतों के स्वास्थ के हानिकारक है। क्योकि उनमे स्टार्च और चीनी होता है। और यह दांतों के एनेमल के लिए हानिकारक हो सकता है क्योंकि वे एसिड उत्पन्न करने के लिए प्लाक के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे नुकसान हो सकता है।
नियमित डॉक्टर से चेकअप कराएं
- और दांतों के डॉक्टर के संपर्क में हमेशा रहे अपने बच्चे को लगातार दंत चिकित्सक के पास ले जाएं। दांतों की समस्याओं का जल्द पता लगने से इलाज में आसानी हो सकती है। यदि आप इन पांच नियमों का पालन करते हैं।