(अवैस उस्मानी): दिल्ली नगर निगम के अधिकारी के खिलाफ CBI जांच फिलहाल नहीं होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में CBI जांच पर रोक लगाई। दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली हाईकोर्ट में लोकपाल के CBI जांच के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम की मामले में लोकपाल को नोटिस जारी जवाब दाखिल करने को कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि लोकपाल को MCD के किसी अन्य अधिकारी के खिलाफ कोई विशिष्ट शिकायत मिलती है तो कार्यवाही में कोई बाधा नहीं होगी। सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में दिल्ली नगर निगम ने कहा कि लोकपाल ने 28 नवंबर को बिना किसी आरोप या भ्रष्टाचार का पता लगाए या कोई ठोस कारण बताए बिना सीबीआई जांच का निर्देश दिया था कि ऐसी जांच की आवश्यकता क्यों थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील द्वारा विभिन्न कानूनी मुद्दों को उठाया गया है, जिसमें यह तथ्य भी शामिल है कि धारा 14 के तहत लोकपाल द्वारा किसी भी क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने से पहले राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि दोनों लोकपाल और सीवीसी बर्ताव डाकघर जैसा नहीं हो सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि एक पूरे विभाग के खिलाफ जांच का आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। दिल्ली नगर निगम के वकील ने कोर्ट को बताया कि RTI पर आधारित एक पेज शिकायत के आधार पर लोकपाल ने जांच का आदेश दिया, दिल्ली नगर निगम ने कहा कि शिकायत का उचित प्रारूप में भी नहीं थी।
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सुनवाई के दौरान लोकपाल के वकील ने कहा कि उसने पहले मामले को रिपोर्ट के लिए सीवीसी के पास भेजी गई, सीवीसी से जो रिपोर्ट मिली वह एमसीडी के सतर्कता विभाग की रिपोर्ट है। लोकपाल के वकील ने कहा कि मामले में संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा और जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर जांच का निर्देश दिया गया।