प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – संसद की कार्रवाही शुरू होते ही विपक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर सदन में हंगामा शुरू कर दिया।इस दौरान लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्रवाई के दौरान हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान सदन में विपक्ष के व्यवधान पर स्पीकर ओम बिरला ने कड़ा रुख दिखाया। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि नियोजित व्यवधान से कार्यवाही को स्थगित नहीं करूंगा। स्पीकर ओम बिरला ने आगे कहा कि मैंने विपक्ष को हमेशा बोलने का मौका दिया है। इसके बावजूद प्रश्नकाल में व्यवधान सही नहीं है। प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय होती है। मैं आपको शून्य काल में मौका देने को तैयार हूं।लेकिन इस तरह व्यवधान करना कतई न्यायोचित नहीं है।
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लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला के कड़े तेवरों के बाद शून्यकाल में सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का मामला उठाया।चौधरी ने सरकार से बढ़ी हुई कीमतें वापस लेने की मांग की। इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की भी मांग की गयी। टीएमसी नेता ने भी महंगाई पर सरकार को घेरा।टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए पेट्रोल और डीज़ल की लगातार बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया
इधर राज्यसभा में भी महंगाई के मुद्दे पर गतिरोध बना रहा।इसके अलावा सीपीएम सांसद वी शिवदासन ने दो दिवसीय कर्मचारियों की हड़ताल पर नियम 267 के तहत आज राज्यसभा में चर्चा के लिए नोटिस दिया। राज्यसभा के सभापति वी नायडू ने सांसदों द्वारा दिए गए नोटिस को स्वीकार नहीं किया।सभापति ने कहा कि मैंने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और मजदूरों की हड़ताल के लिए सांसदों द्वारा दिए गए नोटिस को तुरंत स्वीकार नहीं करने का फैसला किया है। राज्यसभा में हंगामे और शोरगुल के चलते सदन की कार्रवाई बाधित रही।राज्यसभा में कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ने पेट्रोल और डीजल बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी सरकार सत्ता में आने के बाद से 18 बार टैक्स बढ़ा चुकी है।