(प्रदीप कुमार )- केंद्र में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंत्रालय की 9 साल की उपलब्धियां गिनाई है।जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि केंद्र सरकार देश में जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कई कदम उठा रही है।अर्जुन मुंडा ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि 2023 के बजट में केंद्र सरकार ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास पर एक मिशन की घोषणा की। लगभग 28 लाख पीवीटीजी आबादी वाले 22,544 गांवों को योजना के तहत बुनियादी सेवाओं की पूर्ति के लिए चिन्हित किया गया है। अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना के तहत 2023-24 से 2025-26 के दौरान मिशन के कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय बजट 2023-24 में 15000 करोड़ रुपये की राशि की घोषणा की गई है।
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केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इससे दूर-दराज के गांवों में स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा तक बेहतर पहुंच, स्वास्थ्य, सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और स्थायी आजीविका के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करके बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, देश में एक लाख 12 हजार आदिवासी बहुल गांव हैं और सरकार ने 36 हजार गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है।मुंडा ने कहा कि इस मोर्चे पर काफी प्रगति हुई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आदिवासी आबादी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 38,000 से अधिक शिक्षकों को नियुक्त करने की घोषणा की गई है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की जानकारी दी कि जनजातीय मंत्रालय ने प्रत्येक पीवीटीजी समुदाय के लिए 1 नोडल अधिकारी नियुक्त किया है और वे उनके आवासों/बस्तियों में जा रहे हैं और उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए क्षेत्र में रह रहे हैं।केंद्रीय बजट 2023-24 में ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन’ की घोषणा की गई है। वर्ष 2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले तीन वर्षों में, 3.5 लाख आदिवासी छात्रों वाले 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की केंद्रीय रूप से भर्ती की जाएगी। केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने जानकारी दी है कि पिछले 9 वर्षों में राज्यों को विभिन्न योजनाओं के तहत 5000 से अधिक परियोजनाओं के लिए 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है।