(अजय पाल) – साल 2023 भारत के लिए बेहद खास रहा है। इस साल भारत दुनिया के सबसे ताकतवर समूह जी 20 की अध्यक्षता करने के साथ शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO की अध्यक्षता भी भारत को मिली है। शंघाई सहयोग संगठन के अध्यक्ष के तौर पर भारत के सभी सदस्य देशों के साथ बेहतर रिश्ते व सबको एक साथ लेकर चलने की राह पर आगे बढ़ रहा है। हाल में भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी व मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदा को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रण भेजा था।
भारत 2017 में शंघाई सहयोग संगठन यानी SCO का सदस्य बना था। SCO का सदस्य बनने के बाद ही भारत ने इस संगठन के सदस्यों देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने का काम किया। सितंबर 2022 में SCO की बैठक उज्बेकिस्तान के बड़े शहर समरकंद में हुई थी । इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत SCO सदस्यों के बीच आपसी सहयोग संगठन को बढ़ावा देगा । इसी सम्मेलन में भारत को एक साल के लिए एससीओ की अध्यक्षता मिली थी। भारत सितंबर 2023 तक एससीओ का अध्यक्ष बना रहेगा।
भारत में मई में होगी एससीओ (SCO) सदस्यों देशों की बैठक
एससीओ के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक 4 व 5 मई को गोवा में आयोजित होगी । भारत अभी से इसकी तैयारी करने में लगा हुआ है। एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए भारत ने इसके सदस्य देशों को निमंत्रण भेज दिया है। एससीओ के सदस्य देशों में चीन व पाकिस्तान भी शामिल है । इस समय पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो है। वहीं चीन के विदेश मंत्री किन गागा बने हैं।
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एससीओ को बताया गया है दुनिया का सबसे बड़ा ताकतवर मंच
एससीओ को दुनिया के क्षेत्रफल व जनसंख्या के हिसाब से एससीओ को दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है। यह संगठन यूरेशिया, एशिया व यूरोप के करीब 60 फीसदी हिस्से को कवर करता है। एससीओ के सदस्य देशों का जीडीपी में 30 फीसदी का योगदान है।