जम्मू कश्मीर में दुनिया भर में मशहूर पेपर मैशी उद्योग से जुड़े शिल्पकारों ने अंतरिम बजट में कच्चे माल पर सब्सिडी की मांग की है।कारीगरों के मुताबिक रंग, सांचे और कागज जैसे कच्चे माल की बढ़ती कीमत उद्योग को घाटे का सौदा बना रही है।उद्योग से जुड़े स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि सरकार को इस उद्योग में नई जान फूंकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाना चाहिए।
पेपर मैशी का घरेलू बाजार काफी बड़ा है। ये जम्मू कश्मीर से निर्यात होने वाला मुख्य सामानों में एक है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी।
पेपर मैशी कलाकार मोहम्मद शफी ने कहा कि हम चाहते हैं कि इसका जो रॉ मैटेरियल है, इसका जो कलर आता है, इसके लिए हम बजट में चाहते हैं कि टैक्स न चढ़े, ये टैक्स फ्री हो जाए। फिलहाल जो पेपर मैशी हम करते हैं, इसमें चाहते हैं कि हमें जीएसटी, जिसको हम देते हैं, जिस पर जीएसटी चढ़ता है पांच पर्सेंट, अगर मेहरबानी हो जाएगी सरकार से, हम अपील करते हैं कि अगर ये छूट जाएगा जीएसटी से तो बहुत मेहरबानी होगी।
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व्यापारी दानिश अली ने कहा कि जीएसटी हमें परेशान कर रही है। ये कला मर रही है। हम इससे ज्यादा लाभ नहीं कमाते हैं। अगर हमें जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, तो इससे हमारी मदद नहीं मिलती। इसलिए हम सरकार से चाहते हैं कि इसे माफ कर दिया जाए। अगर हमें इस पर कुछ छूट मिल सकती है जो हमारी मदद होगी। कश्मीर के ज्यादा से ज्यादा लोगों के इस कला से जुड़ने पर इसमें नई जान आएगी।