Interim budget 2024- अंतरिम बजट आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पीतल उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि सरकार बजट में कच्चे माल पर टैक्स कम करेगी।पीतल व्यापारी संघ के अध्यक्ष नुमान मंसूरी को उम्मीद है कि सरकार कच्चे माल पर टैक्स 18 से घटकर 10 प्रतिशत और उत्पादों पर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर देगी।
मंसूरी का मानना है कि पीतल उद्योग को बढ़ावा देने में कमी और बड़ी संख्या में बिजनेस के लिए पीतल व्यापारियों के श्रीलंका और नेपाल पलायन कर जाने से निर्यात में कमी आई है।पीतल कारोबारी हिलाल और जमाल ने कहा कि कच्चे माल के महंगे होने की वजह सेे लघु उद्योग बंद हो गए हैं। वे चाहते हैं कि सरकार कच्चे माल की कीमत और इंपोर्ट ड्यूटी तय करे जिससे देश में ज्यादा पैसा आ सके।
पीतल व्यापारी मशकूर मंसूरी ने पीतल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर कहा कि व्यापारियों को इससे नुकसान होता है। मंसूरी ने सरकार से कच्चे माल की कीमत तय करने की मांगकी।पीतल की मूर्ति व्यापारी विपुल शर्मा ने सरकार से कहा कि उत्पादों पर टैक्स न लगाया जाए क्योंकि ये धार्मिक मूर्तियां हैं।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी।
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पीतल ट्रेडर्स एसोसिएशनअध्यक्ष नुमान मंसूरी ने कहा कि देखिए बजट से बहुत सारी उम्मीदें है और मुरादाबाद पूरे विश्व में पीतल नगरी के नामसे जाना जाता है और यहां तकरीबन तीन लाख कारीगर कम करते हैं और 800 करोड़ की इंडस्ट्री है प्लस 10 हजार एक्पोर्टर है। मगर उस हिसाब से जो सुविधाएं मिलना चाहिए वो नहीं मिल पा रही है। अभी जो 18 प्रतिशत जो जीएसटी है रॉ मटेरियल पर और 12 प्रतिशत बने हुए उत्पाद पर है उसपर जीएसटी की जो दरे हैं उनको कम किया जाना चाहिए। पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत तक उनको लाना चाहिए। दूसरा जो हमारी जो एक्सपोर्ट है वो बहुत ज्यादा डाउन हो रही है इसमें, क्योंकि ड्राबैक और इंसेंटिव सारे खत्म हो गए। 12.5 प्रतिशत ड्राबैक था और इंसेंटिव मिलते थे सात प्रतिशत फोकस लाइसेंस वो भी खत्म हो चुका है तो इसलिए जो इस तरफ लोग आ रहे थे, इंडस्ट्री में जुड़ रहे थे, वो अब इस इंडस्ट्री से पलायन कर रहे हैं। वे लोग श्रीलंका और अपना नेपाल, यहां जाकर लोग काम कर रहे हैं तो मेरा सरकार से यही कहना है कि आप मुरादाबाद की इंडस्ट्री को बचाने के लिए यहां के लिए कोई स्पेशल पैकेज लाए।
पीतल व्यापारी मशकूर मंसूरी ने कहा कि सर हम ये चाहते है कि पीतल में ये होगा चाहिए कि पीतल का रेेट जो है वो एकदम ठहर जाना चाहिए ताकि जो रेट अपडॉउन कभी नीचे होता है और कभी नीचे होता है, उससे माल खरीदने और बेचने में बहुत दिक्कतें आता है, बहुत परेशानी आती है, बहुत नुकासान होता है और इसकी वजह से दो पैसे कमाने की उम्मीद होती है वो खत्म हो जाती है क्योंकि शेयर मॉर्केट में हम सरकार से ये चाहते है कि हमें एक रेट में माल मिले और कम रेट में मिले, मुनासिब दाम में मिले अच्छा मार्जिंन जब मिलेगा तो देश के अंदर खुशहाली होगी, कारीगर खुश होगा तो ऊपर के लोग खुश होंगे और सरकार को टैक्स का पैसा पहुंचेगा।