अंतरिम बजट आने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में चूड़ी और कांच उद्योग से जुड़े लोग सरकार से मदद की आस लगाए हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार बजट में कुछ ऐसे कदम उठाएगी जो उनके उद्योग को मंदी से बाहर लाने में मददगार साबित होंगे।चूड़ी व्यापारी गुजारिश कर रहे हैं कि सरकार चूड़ी कारखानों को सस्ती गैस मुहैया करवाए ताकि वे सस्ती कीमत पर कांच चूड़ी के सामान बनाने का सिलसिला जारी रख सकें।
उद्योगपति भी एमएसएमई पेमेंट से जुड़े नए नियमों से खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें 35 दिनों के भीतर अपने भुगतान को पूरा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।फिरोजाबाद के चूड़ी और कांच उद्योग से जुड़े व्यापारियों और उद्योगपतियों का कहना है कि जीएसटी लागू होने का उन पर बुरा असर पड़ा है। उनके मुताबिक इसने इंडस्ट्री की ग्रोथ को नीचे घसीट लिया है।2024-25 का अंतरिम बजट, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को पेश करेंगीं।
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फिरोजबाद ग्लास डेकोरेशन चेयरमैन शंकर गुप्ता ने कहा कि जब से जीएसटी आई है, तब से हम लोग लगातार कांच के ऊपर जो 18 परसेंट टैक्स लगा हुआ है, उसको कम करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि कांच का नेचर ब्रोकेन नेचर होता है। हर रोज टूटता है घरों में और हर रोज ग्राहक खरीदते हैं, तो इसको कम से कम टैक्स किया जाए जिससे जनता को राहत मिले।
उद्योगपति मुकेश बंसल ने कहा कि अभी सरकार द्वारा लेटेस्ट में जो एमएसएमई के जो पेमेंट हैं, वो 45 दिन में करने के लिए बोला गया है, तो उसमें एमएसएमई इंडस्ट्री को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है। जैसे निर्यातक इकाईयां हैं या कोई अन्य इंडस्ट्री है, किसी का पेमेंट अगर 45 दिन में नहीं आता है तो वो उसको पेमेंट कहां से करेंगा। अगर नहीं करेगा तो इनकम टैक्स में जोड़ देंगे, उसकी 35 परसेंट लगभग कट जाएगा उस पेमेंट से।