दिल्ली(देवेश कुमार)। राजधानी दिल्ली में शराब नीति पर केजरीवाल सरकार और उप राज्यपाल वीके सक्सेना के बीच खींचतान जारी है। नई आबकारी नीति को लेकर एक ओर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जहां उप राज्यपाल पर निशाना साधा, तो वहीं दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली के तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्णा और दानिक्स अधिकारी तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी समेत 11 अधिकारियों को आबकारी नीति को लागू करने में चूक करने पर सस्पेंड कर दिया है।
सस्पेंड किए गए अधिकारियो में एक आईएएस, एक दानिक्स, तीन एडहॉक दानिक्स और 6 दास काडर के अधिकारी शामिल हैं। एलजी ने यह आदेश संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति लागू में गंभीर चूक के मद्देनजर लिया है। इसमें टेंडर देने में अनियमितताएं पाने जाने और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ प्रदान करना शामिल है। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस लगातार दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर सवाल खड़े कर रही थी। बीजेपी कई बार दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुकी है, और इस मुद्दे को लगातार उठा रही है।
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बता दें की पिछले महीने राजधानी में दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी और मुख्य सचिव नरेश कुमार को आदेश दिया था कि नई आबकारी नीति बनाने में अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों की पहचान कर उन्हें सूचित करें। जिसके बाद अब 11 अधिकारियो को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भी अपने स्तर पर इसकी जांच करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
नई लाईसेंस पॉलिसी के तहत जारी किए गए शराब की दुकानों के नए लाईसेंस को लेकर पूरी डिटेल तलब की है। बहरहाल दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर विपक्षी पार्टियां दिल्ली सरकार पर हमलावर है और नीति में अनियमितता और ब्लैट लिस्टेड कंपनियों को ठेके देने के आरोप लगा घेर रही है तो वहीं उपराज्यपाल ने कड़ा एक्शन लेते हुए नई आबकारी नीति को लागू करने में चूक करने पर 11 अधिकारियो को सस्पेंड कर दिया है।