ISRO Chairman- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि भारत और अधिक अंतरग्रहीय मिशन शुरू करने में सक्षम है और अंतरिक्ष एजेंसी का मकसद अंतरिक्ष क्षेत्र के विस्तार के माध्यम से देश की समग्र प्रगति है। चंद्रमा मिशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद सोमनाथ पहली बार केरल की राजधानी तिरुवनतंपुरम पहुंचे।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो वैज्ञानिकों से मिलने के लिए ग्रीस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे। इसरो चेयरमैन ने कहा जहां तक हमारी बात है तो न केवल सॉफ्ट लैंडिंग, बल्कि चंद्रयान-थ्री के सभी पहलू 100 प्रतिशत सफल रहे। पूरे देश को इस पर गर्व है और वे हमें सपोर्ट कर रहे हैं।
सूर्य की स्टडी करने वाली पहली अंतरिक्ष आधारित भारतीय ऑब्जर्वेटरी आदित्य-एलवन के बारे में पूछे जाने पर सोमनाथ ने कहा कि उपग्रह तैयार है और श्रीहरिकोटा पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण सितंबर के पहले हफ्ते में होने की उम्मीद है और अंतिम तारीख की घोषणा दो दिन में की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि चंद्रयान-थ्री के रोवर और लैंडर दोनों ने तस्वीरें ली हैं।
Read also –मोदी, शाह कांग्रेस सरकार की शिक्षा प्रणाली की देन- खड़गे
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के बुधवार को चंद्रमा की सतह पर उतरने के साथ ही भारत ये उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया। इतना ही नहीं भारत चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया।
एस. सोमनाथ, चेयरमैन, इसरो: “हम इस मिशन की सफलता से बेहद खुश हैं। ऐसा नहीं है कि केवल सॉफ्ट लैंडिंग हुई है। वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य अब पूरे होने जा रहे हैं। चंद्रयान -थ्री पर लैंडर और रोवर सहित सभी पांच उपकरण चालू हैं और ये बहुत अच्छा डेटा स्ट्रीम कर रहा है और मैं समझता हूं कि सभी वैज्ञानिक डेटा बहुत अच्छे लग रहे हैं लेकिन हम चंद्रमा से बहुत सारे डेटा को मापना जारी रखेंगे।
आने वाले 40 दिन, चंद्रमा का दिन और हम आशा करते हैं कि हम विज्ञान के माध्यम से और ऐसा करते हुए वास्तव में अच्छा करेंगे। इसलिए हम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित हैं, जब तक कि चंद्रमा पर दिन खत्म नहीं हो जाता और अगले 14 दिनों के लिए उस दिन से जागने की कॉल आ जाएगी जब ये खुलता है। विक्रम और प्रज्ञान इसे कैसे करेंगे, ये आगे 14 दिनों का काम है।