Wheeled Armored Amphibious Platform– कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की फ्लीट में ‘व्हील्ड आर्मर्ड एम्फीबियस प्लेटफॉर्म’ या डब्ल्यूएचएपी वाहन शामिल हो गया। इसे जमीन और पानी दोनों जगह ऑपरेशन्स के लिए डिजाइन किया गया है। इससे सीआरपीएफ की क्षमता में इजाफा हुआ है।
पानी में इस गाड़ी की रफ्तार आठ से 10 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि सड़क पर ये 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। वाहन पूरी तरह बुलेटप्रूफ है। इसपर बारूदी सुरंगों का भी असर नहीं पड़ता। गाड़ी में ड्राइवर के साथ 10 जवान सफर कर सकते हैं। सीआरपीएफ को इस गाड़ी से सामरिक फायदे की उम्मीद है। वाहन को टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के सहयोग से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के तहत वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान ने विकसित किया है। गाड़ी का वजन लगभग 24 टन है। इसकी लंबाई करीब आठ मीटर और चौड़ाई तीन मीटर है।
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शीश पाल, कमांडिंग ऑफिसर, सीआरपीएफ कहते है कि यह विकल्प एक स्वदेशी रूप से विकसित सशस्त्र बल के जवानों को कैरी करने वाला बख्तरबंद वाहन है। ये भारत का पहला वाहन है जो सड़क, पानी व दलदल – तीनों टेरेन में, ऑल टेरेन में चलने वाला लड़ाकू वाहन है। सभी भूभागों में, पहाड़ी क्षेत्र, समतल क्षेत्र में इस वाहन का प्रदर्शन बहुत ही उच्च दर्जे का है।
प्रताप सिंह, सीआरपीएफ कहते है कि जहां भी हमको ये पिन प्वॉइंट मिलता है कि ऑपरेशन में इसलिए कि हमको, कोई आतंंकवादी घटना या छुपे हैं, या इस तरह का कोई टारगेट है, मिला हुआ है, तो वहां हम नजदीक से नजदीक जाके इसे आसानी से फायर कर सकते हैं। और अपने आप को सुरक्षित रखते हुए फायर कर सकते हैं। इसमें हमारे ऊपर कोई भी किसी तरह का हमला नहीं होगा। क्योंकि अंदर बैठे हुए कम्प्यूटर से ही एक टारगेट को सेट करेंगे और वहीं से फायर करेंगे।