संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने सदन की कार्यवाही की शुरुआत की

(प्रदीप कुमार): संसद के शीतकालीन सत्र का आज पहला दिन था इसी के साथ उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने आज पहली बार सदन की कार्यवाही की शुरुआत की। पीएम मोदी और अन्य संसदों ने राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को बधाई दी है। आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं। लोकसभा में पहले दिन उन सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई जिनका निधन पिछले दिनों हुआ है। सदन में स्पीकर ओम बिरला ने जी-20 में भारत की अध्यक्षता का जिक्र करते हुए इसे महत्वपूर्ण बताया है

राज्यसभा में पीएम मोदी ने नए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस सदन के साथ-साथ राष्ट्र की ओर से सभापति उपराष्ट्रपति को बधाई देता हूं। आप संघर्षों के बीच जीवन में आगे बढ़ते हुए इस मुकाम पर पहुंचे हैं, यह देश के कई लोगों के लिए प्रेरणा है। आप सदन में इस महती पद की शोभा बढ़ा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे उपराष्ट्रपति किसान पुत्र हैं और उन्होंने सैनिक स्कूल में पढ़ाई की है। इस प्रकार वह जवानों और किसानों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आपके मार्गदर्शन में राज्यसभा अपनी विरासत को न केवल आगे बढ़ाएगी अपितु नई ऊंचाई भी देगी।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमृत काल में हम दुनिया के बेहतरीन संविधानों में से एक को अपना मानते हैं। संविधान सभा के सदस्य बेदाग साख और अनुभव के साथ बेहद प्रतिभाशाली थे। वर्तमान में, संसद प्रामाणिकता के साथ लोगों के जनादेश को दर्शाती है जैसा पहले कभी नहीं था। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को शेर सुनाया। खरगे ने कहा कि मेरे बारे में कोई राय मत बनाना गालिब मेरा वक्त भी बदलेगा मेरी राय भी बदलेगी

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आप भूमि पुत्र हैं, संसदीय परंपराओं को आप बखूबी समझते हैं। राजस्थान विधानसभा और पश्चिम बंगाल में राज्यपाल रहे हैं। पढने लिखने में आपकी रूची है, आपकी रूपरेखा बेहद बड़ी है। खरगे ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि राज्यसभा के संरक्षक के रूप में आपकी भूमिका बाकी भूमिकाओं से काफी बड़ी हैं। आप जिस आसन पर बैठे हैं उसपर कई गणमान्य लोग बैठ चुके हैं।

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि हमारे उपराष्ट्रपति किसान के बेटे हैं। उन्होंने समाज में बहुत योगदान दिया है। उनके अनुभव से हमलोगों को सीखने के लिए मिलेगा। हमारे प्रधानमंत्री का भी जन्म चायवाले के यहां हुआ जो कि बचपन में रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे और उसी में रहकर पढ़ाई की। उन्होंने अपने जीवन के पांच दशक से अधिक समय समाज और इस राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया है। गोयल ने कहा कि एक नई परंपरा स्थापित हो रही है। सामान्य पृष्ठभूमि और सामान्य जीवन जीने वाले राजनीतिक नेता अब शीर्ष पदों पर आसीन हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक शिक्षिका थीं। ओडिशा के एक आदिवासी क्षेत्र में एक छोटे से स्कूल से, वह अब राष्ट्रपति हैं।

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राज्यसभा में जेडीएस के सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि मैं इस सदन का एकमात्र सदस्य हूं जिसका पिछले 20 वर्षों का कड़वा अनुभव रहा है। बोलने का मौका मिलना बहुत मुश्किल है। दोनों सदनों का ही फैसला है कि एक भी सदस्य 2-3 मिनट बोलने के लिए से ज्यादा नहीं ले सकता, यह एक कड़वा अनुभव है।

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