(प्रदीप कुमार )-NDA Meeting-पीएम मोदी ने आज पोर्ट ब्लेयर के नवनिर्मित एयरपोर्ट का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन किया।इस दौरान पीएम मोदी ने बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक पर खूब निशाना साधा।प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु में विपक्षी बैठक पर जमकर हमला बोला है। पोर्ट ब्लेयर में नवनिर्मित एयरपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर कई आरोप लगाए हैं….NDA Meeting
पीएम मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष की बेंगलुरु बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों का लेबल कुछ और माल कुछ है।इस दौरान पीएम मोदी ने दावा किया कि देश के लोग 2024 में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके है,ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं।
Read also –लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान एनडीए में हुए शामिल,
पीएम मोदी ने इस दौरान शायराना अंदाज में विपक्ष पर निशाना साधा पीएम मोदी ने कहा कि “इन्हें देखकर मुझे एक कविता की कुछ लाइनें याद आ गई है, जो अवधी भाषा में लिखी गई है- गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।पीएम मोदी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है-‘अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ’।
पीएम मोदी ने कहा कि ये जो जमात इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं। लोग कह रहे हैं कि यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग इकट्ठा हुए हैं, वे सभी अपने भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर चुप रहते हैं।पीएम मोदी ने कहा, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा हुई थी और वे सभी शांत थे। कांग्रेस और वामपंथी कार्यकर्ता अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे, लेकिन उनके नेता इतने स्वार्थी थे कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को उस गंभीर स्थिति में छोड़ दिया। तमिलनाडु में, भ्रष्टाचार के कई मामले अब उजागर हो रहे हैं लेकिन वे पहले ही क्लीन चिट का दावा कर चुके हैं।