(प्रदीप कुमार)- कांग्रेस सांसद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने गुजरात के नरोदा गाम दंगा मामले में स्पेशल कोर्ट के आरोपियों को बरी करने के फैसले पर अपने बयान में कहा है कि हम इस मामले में विस्तार से वक्तव्य देने के लिए विस्तृत फ़ैसले का इंतज़ार करेंगे लेकिन यह साफ़ है कि अभियोजन पक्ष की ओर से अपनी भूमिका निभाने में स्पष्ट रूप से चूक हुई है। यदि ऐसा नहीं है तो इसे ग़लत साबित करने का एक ही तरीक़ा है – अभियोजन पक्ष और अभियोजन राज्य अपील की प्रक्रिया को गंभीरता और उचित ढंग से आगे बढ़ाए।
अपने बयान में जयराम रमेश ने कहा है कि न्याय एक अधिकार है जिसकी निरंतर सतर्कता के माध्यम से रक्षा की जानी चाहिए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस मामले पर नज़र बनाए रखेगी। हम इन जघन्य अपराधों के पीड़ितों के प्रति अपने समर्थन के संकल्प को दोहराते हैं।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि हम आशा करते हैं कि न्याय मिलने में भले ही देर हो जाए लेकिन न्याय से वंचित नहीं किया जाएगा।
दरअसल साल 2002 में हुए गुजरात के नरोदा गाम में हुए दंगे में 11 लोगों की मौत हो गई थी इसके बाद पुलिस ने जांच के आधार पर गुजरात की पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत 86 लोगों को आरोपी बनाया था इन 86 आरोपियों में से 18 की पहले ही मौत हो चुकी है। मामले में करीब 21 साल बाद यह फैसला आया है।