Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में श्रीनगर की मशहूर डल झील में शनिवार 5 जुलाई को शिया मुसलमानों ने अनोखा मुहर्रम जुलूस निकाला। मुहर्रम पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। घाटी भर से हजारों शोक मनाने वालों ने धार्मिक झंडों के साथ शिकारे पर जुलूस निकाला। Jammu Kashmir:
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इनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी थे। पैदल जुलूस कांड मोहल्ले से शुरू होकर रैनावारी में इमामबाड़ा हसनाबाद तक गया। इसके बाद कांकच से शिकारों पर जुलूस निकाला गया। लोगों ने बताया कि ये परंपरा 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है। ये हर साल मुहर्रम महीने की नवीं तारीख को यौम-ए-आशूरा से एक दिन पहले मनाई जाती है। ये समुदाय के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ताने-बाने का संरक्षण है।
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इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम दुनिया भर के शिया मुसलमानों के लिए काफी महत्व रखता है। इस महीने वे इमाम हुसैन की शहादत का शोक मनाते हैं। इमाम हुसैन 680 ई. में कर्बला की लड़ाई में उमय्यद खलीफा यजीद इब्न मुआविया की सेना से लड़ते हुए शहीद हो गए थे।