Janmashtami: देश भर में जन्माष्टमी की धूम है। भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर श्रद्धालु नाचते-गाते, झूमते हुए मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। कान्हा की जन्मस्थली माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मथुरा में खास रौनक दिख रही है। सिर्फ मथुरा ही नहीं बल्कि ब्रज क्षेत्र के लिए जन्माष्टमी का उत्सव बेहद खास है।बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। भक्ति से सराबोर संगीत और नृत्य माहौल को जीवंत बना रहा है।Janmashtami:
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मंदिर में दर्शन के लिए लगी श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हैं। हालांकि श्रद्धालु संयम के साथ अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। कुछ लोग तो भजन गाते भी दिख रहे हैं। वहीं कई श्रद्धालु तो बस जन्माष्टमी पर भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए ही मथुरा पहुंचे हैं।मथुरा के कटरा केशव देव मंदिर में पारंपरिक रूप से जन्माष्टमी एक दिन पहले मनाई जाती है। यहां आधी रात के वक्त विशेष अनुष्ठान में भगवान का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। हजारों श्रद्धालु कान्हा के जन्म के साक्षी बनते हैं।Janmashtami:
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जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी। श्रद्धा और भक्ति में डूबे लोग पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं को कायम रखने के लिए बेताब दिखे।मथुरा के द्वारकाधीश मंदिर में अनुष्ठान की शुरुआत मंगला आरती के साथ हुई। इसके बाद पंचामृत अभिषेक हुआ। दूध, दही, शहद, घी और पवित्र जल से भगवान को स्नान कराया गया।उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर में शुक्रवार को ऑपरेशन सिंदूर के सम्मान में विशेष झांकियों के साथ जन्माष्टमी समारोह की शुरुआत हुई। इसमें भक्ति और देशभक्ति की झलक देखने को मिली
राजस्थान में जयपुर के गोविंद देव मंदिर में जन्माष्टमी की खास रौनक दिख रहीहै। श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं।वहीं, जन्माष्टमी के मौके पर बिड़ला मंदिर के नाम से मशहूर दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर के कपाट सुबह साढ़े चार बजे खोल दिए गए।मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं।Janmashtami:
दक्षिण दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में भी सूर्योदय से पहले ही जन्माष्टमी की रौनक दिखने लगी। मंदिर में श्रद्धालु आराम से दर्शन कर सकें, इसके लिए खास इंतजाम किए गए
हैं। सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद है।इस शुभ अवसर पर बेंगलुरू के इस्कॉन मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिख रही है।जन्माष्टमी, भगवान विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।Janmashtami: