छत्तीसगढ़ में समुद्र की तरह जंगल, यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं- पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल

रायपुर(नीरज तिवारी): केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ घरेलू पर्यटन रोड शो कार्यक्रम में शामिल होने छत्तीसगढ़ प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने नया रायपुर अटल नगर में पत्रकारवार्ता को सम्बोधित किया।
प्रहलाद पटेल ने कहा जिस तरह गुजरात में समुद्र वैसे ही छत्तीसगढ़ में जंगल है। छत्तीसगढ़ में जैसा जंगल गई वैसा भारत में कही नहीं है। दोनों ही पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार और छत्तीसगढ़-गुजरात टूरिज्म बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू भी शामिल हैं।
इस घरेलू पर्यटन रोड शो के लिए दो राज्यों की जोड़ी बनाई है, छत्तीसगढ़ को गुजरात के साथ जोड़ा है। प्रहलाद पटेल सिरपुर का नक्शा पहले से काफी बदल गया है, पहले से यहाँ पर सुविधाओं में काफी सुधार हुआ है।

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टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने कहा कि टूरिज्म सेक्टर को कोरोना से काफी नुकसान हुआ है।
लेकिन अब हमें आगे देखना है, कि किस तरह से आपदा को अवसर में बदला जा सकते हैं। हमने देश मे ऐसे गाइड तैयार करने का काम शुरू किया है जो यूएन की लिस्ट की सभी भाषाओं को जान सके।
होटल्स, टूर एंड ट्रेवल एजेंसी को भी हम एक प्लेटफार्म पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में जो नक्सलिज्म का परसेप्शन है, उसे तोड़ना है, वो हम सबकी जिम्मेदारी है।
प्रहलाद पटेल ने राम वन गमन पथ की योजना को लेकर बताया कि इस पर संस्कृति मंत्रालय काम कर रहा है, इसके लिए सात राज्यों के मुख्यमंत्री से बात हुई है।
300 लोकेशन इडेन्टिफिएड है, अगर स्थानों को लेकर राज्यों को आपत्ति है, तो उसे बदल देंगे। पर्यटन के विकास के लिए विवाद से बचना चाहिए, ताकि जल्द काम शुरू हो सके।
राम नाम पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच छिड़ी सियासत पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा है कि राम सबके राम है। अयोध्या से चलकर श्रीलंका तक की यात्रा जिसने की वहीं एकमात्र राम हैं।
राम वन पथ गमन को लेकर केंद्र और राज्य के टूरिस्ट सर्किट में आ रहे अंतर पर प्रहलाद पटेल ने कहा कि मुझे इस मसले पर कोई टकराहट नहीं दिखती।
रामअवतार शर्मा की 2010 में दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्र ने राम वन गमन पथ पर टूरिस्ट सर्किट डेवलप करने का फैसला लिया है। इस सर्किट में सात राज्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हमने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। एक राज्य की सीमा के भीतर डेवलपमेंट बगैर राज्य सरकार की सहमति के नहीं हो सकता।
राज्यों के सहयोग से यह काम होगा, भारत सरकार केवल स्क्रिप्ट लिखने का काम करेगी। पटेल ने कहा कि यदि मार्गों को लेकर किसी तरह की तकनीकी दिक्कतें आ रही है, तो उसका एकमात्र हल संवाद ही है।

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