( प्रदीप कुमार )- हैदराबाद। मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने रविवार को अधिकारियों को गोदावरी और कृष्णा नदियों से पानी को जलाशयों में भंडारण सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ प्राणहिता जैसी नदियों में बहने वाले पानी की उपलब्धता, राज्य के जलाशयों में जल भंडार, वर्तमान बिजली की मांग आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा कि राज्य में पेयजल एवं सिंचाई जल की कमी को रोकने के लिये कार्यवाही की जाए। संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री केसीआर को परियोजना में पानी की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री केसीआर ने किसानों और जनता से कठिन समय में पानी के उपयोग में सावधानी बरतने के लिए कृषि विभाग और सिंचाई विभाग के इंजीनियरों के निर्देशों और सुझावों का पालन करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि सिंचाई विभाग और बिजली विभाग नियमित रूप से पर्याप्त बिजली का आकलन करके एक-दूसरे के साथ समन्वय करें।
मुख्यमंत्री केसीआर ने अधिकारियों को सलाह दी कि वे राज्य में पीने के पानी को प्राथमिकता दें और गोदावरी और कृष्णा नदियों के नीचे जलाशयों में पानी के भंडार की लगातार निगरानी करें। इस दिशा में सिंचाई विभाग और बिजली विभाग को पूर्ण समन्वय से काम करना चाहिए और पानी उपलब्ध कराना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्राणहिता के माध्यम से पहुंचने वाले पानी को मेडिगड्डा, अन्नाराम और सुंडीला परियोजनाओं के माध्यम से उठाया जाना चाहिए और जलाशय को भरना चाहिए। वहां से, आधा पानी लोअर मैनर बांध में और आधा पानी पुनरुद्धार बाढ़ चैनल के माध्यम से ईएसआरएसपी में ले जाया जाना चाहिए। इस प्रकार, सीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि कालेश्वरम के अयाकट्टू से सूर्यापेट तक और एसएसएआरएसपी अयाकट्टू को सिंचाई का पानी मिले।
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इस समीक्षा बैठक में मंत्री हरीश राव, वेमुला प्रशांत रेड्डी, एर्राबेली दयाकर राव, जगदीश रेड्डी, कोप्पुला ईश्वर, इंद्रकरण रेड्डी, एमएलसी पल्ला राजेश्वर रेड्डी, कौशिक रेड्डी, विधायक बाल्का सुमन, जजुला सुरेंद्र, मुख्य सचिव शांति कुमारी, प्रमुख सचिव नरसिंग राव शामिल थे। वित्त विशेष मुख्य सचिव रामकृष्ण राव, सचिव स्मिता सभरवाल, राजशेखर रेड्डी, भूपाल रेड्डी, कृषि सचिव रघुनंदन राव, ट्रांस कंपनी और जनरल कंपनी सीएमडी प्रभाकर राव, कृष्णा नदी परियोजनाओं के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट किया कि जिन क्षेत्रों में बारिश के कारण कपास और अन्य बीज बोए गए थे, वहां ऐसे हालात हैं कि किसान सूखे की पृष्ठभूमि में बिना अंकुरण के दोबारा बुआई कर रहे हैं। इस दिशा में कृषि, पेयजल एवं सिंचाई जल वितरण के संबंध में सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, विद्युत विभाग, पंचायती राज विभाग से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर प्रत्येक मिनट की रिपोर्ट प्रतिदिन सुबह मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय नियमित रूप से संबंधित क्षेत्रों के मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों को निर्देश देगा और सचेत करेगा ताकि समन्वय किया जा सके।इस अवसर पर मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि कालेश्वरम की कीमत मुश्किल वक्त में ही पता चलेगी। सिंचाई, बिजली और कृषि विभाग के अधिकारियों ने परियोजना के निर्माण के लिए जितनी मेहनत की है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करने की भी है कि राज्य में पीने के पानी और सिंचाई के पानी की कोई समस्या न हो। मुख्यमंत्री केसीआर ने स्पष्ट किया कि यह सिंचाई विभाग के लिए परीक्षा का समय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पानी की समस्या के बिना परियोजनाएं बनाईं। पीने और सिंचाई की जरूरतों के लिए प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध है। जब ऐसी परिस्थितियां आती हैं तभी हमें अपनी क्षमता साबित करने की जरूरत पड़ती है। संकट के समय में ही हमें फसल काटनी चाहिए। आपको सभी प्रणालियों में समन्वय स्थापित करके और अपना काम प्रभावी ढंग से करके खुद को साबित करना होगा। अपना सारा ज्ञान लगाएं और लोगों के लिए काम करें। इस स्थिति को एक चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए। यह एक साल का अनुभव तेलंगाना के भविष्य के इतिहास में काम आएगा।
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