भोपाल– मध्य प्रदेश में दरअसल उपचुनाव होने वाला है। इसी को देखते हुए सत्ता और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर थे ही लेकिन पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक ऐसा बयान दे डाला जिसने हमले की आग को और भड़का दिया। जी हां डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने मंच से कहा, ‘सुरेंद्र राजेश हमारे उम्मीदवार हैं, सरल स्वभाव के सीधे साधे हैं। यह उसके जैसे नहीं है, क्या है उसका नाम? मैं क्या उसका नाम लूं आप तो उसको मुझसे ज्यादा अच्छे से जानते हैं, आपको तो मुझे पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, ‘यह क्या आइटम है’।
Senior Congress leader Shri Kamal Nath not only referred a dalit women candidate as ‘an item’ but also insulted Mizoram and Tripura as insignificant small States! But still there’s no outrage from fake crusaders of feminism on this demeaning statement!! pic.twitter.com/w85uafM7Th
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 18, 2020
वहीं अब इस बयान के बाद कमलनाथ तो घिर ही गए हैं साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की मंत्री इमरती देवी को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वाराअभद्र टिप्पणी किए जाने पर उनकी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ओछे बयान से कांग्रेस की विकृत और घृणित मानसिकता का फिर परिचय दिया है। वहीं ज्योतिरादित्य के नेतृत्व में इस मुद्दे पर धरना दिया गया और सिंधिया ने जमकर कमलनाथ और कांग्रेस पर निशाना साधा।
बीजेपी का जोरदार प्रदर्शन !
इसके अलावा, कमलनाथ की टिप्पणी के प्रति विरोध जताने एवं इस संबंध में जनजागरण के लिए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में सोमवार सुबह 10 बजे से धरने पर बैठकर दो घंटे का मौन व्रत किया। शहर के रीगल चौराहे पर महात्मा गांधी की आदमकद प्रतिमा के सामने सिंधिया के नेतृत्व में दिए गए इस धरने में इंदौर से लोकसभा सदस्य शंकर लालवानी, भाजपा के कुछ स्थानीय विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
धरने के दौरान सिंधिया ने एक तख्ती थाम रखी थी जिस पर लिखा था- ‘माता-बहनों का जो करे अपमान, शास्त्र कहे वह है शैतान समान’।भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा था, ‘महिलाओं और अनुसूचित जाति के विरुद्ध कांग्रेस नेताओं की यही सोच और विचारधारा है, जबकि हमारे शास्त्रों में बताया गया है कि जहां नारियों का मान-सम्मान होता है, देवता वहीं विराजते हैं।’
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गौरतलब है कि सिंधिया के निष्ठावान समर्थकों में गिनी जाने वाली इमरती देवी कांग्रेस के उन 22 बागी विधायकों में से एक हैं जिनके विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार 20 मार्च को गिर गयी थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।
इमरती देवी, विधानसभा के तीन नवम्बर को होने वाले उप चुनावों में ग्वालियर जिले की डबरा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। देखना होगा कि कमलनाथ की इस अभद्र टिप्पणी पर कांग्रेस क्या कहती है।