(प्रियांशी श्रीवास्तव) : दिल्ली नगर निगम के चुनाव के नतीजों ने तो एक बार फिर से केजरीवाल को सत्ता का सरताज पहना दिया। तो वही बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। जबकि बीजेपी ने दिल्ली का दिल जीतने के लिए पूरजोर कोशिश की, लेकिन कोशिश बदकिस्मती से नाकाम रही है। अब हम आपको सबसे अहम औऱ सटीक मुददे की बात बताते हैं कि आखिंर किन वजहों से बीजेपी को अपने जीतोड़ प्रयासों के बाद भी दिल्ली नगर निगम के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। दिल्ली में आप की जीत और बीजेपी की हार के पीछे की वजह बताते हैं।
बड़े चेहरे की थी जरूरत
सबसे पहले तो बीजेपी की हार के पीछे की एक बड़ी वजह ये है कि दिल्ली के चुनाव में किसी भी बड़ा चेहरे को मैदान में उतारने की जरूरत थी । जो ये बात बीजेपी के लिए बेहद ही अहम है क्यों कि अब तक कि देखा जाए तो बीजेपी विधानसभा को चुनावों से लेकर लोकससभा के चुनावों में बड़े चेहरों के बलबूते चुनाव जीतती आई है तो यहां भी यही वजह हो सकती है केजरीवाल के टक्कर देने वाला चाहिए। केजरीवाल खुद ही अपने आप में पार्टी का बड़ा चेहरा हैं।
जनता ने गंदगी साफ करने के लिए झाड़ू ही चलाई
दिल्ली नगर निगम चुनाव में बेहद ही गरम मुददा रहा है। क्यों कि दिल्ली के लिए कूड़े ने तमाम शिकायतें पैदा कर दी थी। जनता ने गंदगी साफ करने के लिए आप की झाड़ू चला बीजेपी को साफ कर दिया।
एंटी इंकंबेंसी की मार झेलनी पड़ी
दिल्ली की जनता ने बदलाव के मूड को लेकर एंटी इंकंबेसी को अपनाया क्यों कि बीजेपी 15 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी एंटी इंकंबेंसी के मुताबिक एक ही पार्टी का सालों साल बने रहती है तो उसके लिए हार खतरा बन जाता है। एंटी इंकंबेंसी भी उन्ही वजहों में से एक है। जिससे बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा ।
केजरीवाल की फ्री पॉलिटिक्स का बीजेपी नही कर पाई काट
दिल्ली में आप ने जो तमाम तरह की फ्री योजनाओं को लागू करती रही है उनके आगे बीजेपी के दावे काम न कर सकें। केजरीवाल की फ्री की सुविधाओं के चलते बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा । फिर चाहे वो बिजली हो, पानी हो, पढ़ाई हो ऐसी तमाम योजनाओं के आगे बीजेपी के लोकलुभावन वादें लुभा न सके दिल्ली वालों को ।
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वैसे तो बीजेपी पूरे 15 सालों पर एमसीडी पर राज करती रही है बीते 9 सालों में दिल्ली की पालिटिक्स ने पल्टी मारी और आप ने दिल्ली का दिल जीत लिया। इस बार के नतीजों के बारे में बात करें तो कुल 250 वार्डो में 134 उम्मीदवारो ने जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी के 100 कैंडिडेट्स ने जीत हासिल की।