(अजय पाल) पौराणिक कथाओं के अनुसार बताया गया है। बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती प्रकट हुई थी। तब पूरे संसार को वाणी और ज्ञान प्राप्त हुआ था। वसंत पंचमी को माता सरस्वती की जयंती के नाम से भी जानते है। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा स्कूलों में की जाती है। माता से ज्ञान और कला का आशीर्वाद लिया जाता है। भारत में बसंत पंचमी के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत भी हो जाती है। मां सरस्वती की पूजा का दिन बसंत पंचमी इस साल 26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन पर कुछ खास चीजों की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है।
पीले रंग की फूल माला का महत्व – बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले रंग के फूल चढाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए देवी की पूजा के लिए पीले रंग के फूल माला लेकर आ सकते है ।
वाद्य यंत्र का महत्व – माता सरस्वती की संगीत की देवी कहा गया है। इसलिए बसंत पंचमी पर उन्हें प्रसन्न करने के लिए आप कोई छोटा सा वाद्य यंत्र भी खरीदकर घर में ला सकते है।
सरस्वती की प्रतिमा – बसंत पंचमी के दिन आप माता सरस्वती का कोई चित्र, मूर्ति या प्रतिमा को भी घर में लेकर आ सकते हैं। बसंत पंचमी पर माता सरस्वती की नई तस्वीर को घर में लगाए। इससे बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
वाहन- जो लोग बसंत पंचमी के दिन वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं, वे चाहें तो बसंत पंचमी पर नया वाहन खरीदकर घर में ला सकते हैं। इस दिन घर में आप कार या स्कूटर को खरीद कर ला सकते है । ऐसा माना गया है कि इस दिन घर में आया वाहन बहुत ही शुभ माना गया है।
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प्रत्येक साल वसंत पंचमी का त्योहार माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन ज्ञानकला और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा करते है। वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता हैं। इस साल वसंत पंचमी के दिन चार शुभ योग बन रहे हैं, जिससे यह दिन और भी विशेष हो जाता है।
सरस्वती को विद्या की देवी क्यों कहा जाता है माता सरस्वती को विद्या की देवी इसीलिए कहा जाता है इस संसार में जो भी ज्ञान है उसकी जननी माता सरस्वती को माना
गया है इसलिए उन्हें विद्या की देवी कहा जाता है क्योंकि वही समस्त ज्ञान का स्रोत है। इस लिए उन्हें विद्या की देवी कहा जाता है क्योंकि वही समस्त ज्ञान का स्रोत है।