दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लड़ने को लेकर एनडीए में सीटों के बंटवारे पर जारी सियासी घमासान के बीच रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी(लोजपा) ने चिराग पासवान के आवास पर हुई संसदीय दल की बैठक के बाद अपना फैसला सुना दिया है। लोपजा बिहार में अलग चुनाव लड़ेगी, जेडीयू से वैचारिक मतभेद के चलते पार्टी ने ये फैसला लिया है। लोजपा जेडीयू के हर उम्मीदवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारेगी, वहीं बीजेपी और लोजपा में कोई वैचारिक मतभेद नहीं हैं।
आपको बता दें, लोकजनशक्ति पार्टी की संसदीय बोर्ड की बैठक शनिवार को होने वाली थी, मगर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के तबीयत ठीक न होने के कारण लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को अस्पताल जाना पड़ा था। जिसके बाद बैठक को रविवार के लिए टाल दिया गया था। रामविलास पासवान का दिल्ली के अस्पताल में इलाज हो रहा है।
चिराग पासवान के आवास पर हुई लोजपा संसदीय दल की बैठक में पार्टी प्रमुख के अलावा सूरजभान सिंह , चंदन सिंह , वीणा देवी, राजू तिवारी, प्रिंस राज, काली पांडेय, अब्दुल खालिद समेत अन्य नेता मौजूद रहे। बैठक में लोपजा ने बिहार में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। क्योंकि एक तो जितनी सीटों की पार्टी मांग कर रही है उतनी मिल नहीं रही हैं और दूसरा कारण जेडीयू से वैचारिक मतभेद होना है।
इससे पहले जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने कहा था कि जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन अटल है और हमारे नेता की नैतिकता को देखते हुए उन्होंने नीतीश कुमार को फिर से सीएम कैंडिडेट घोषित किया है। हम जानना चाहते हैं कि एलजेपी का हमारे साथ क्या वैचारिक मतभेद है। लोकसभा चुनाव के दौरान वे हमारे साथ साझीदार थे और क्षेत्र में नीतीश कुमार की मौजूदगी की मांग की थी। अब बिहार चुनावों के लिए वे वैचारिक मतभेद की बात कर रहे हैं।