Lok sabha election 2024- लोकदल और बीजेपी के गठबंधन की चर्चा से बागपत लोकसभा क्षेत्र के नेताओं में बैचेनी बढ़ी है. चर्चाओं का बाजार गर्म है. जहां पर पिछले 10 साल से बागपत लोकसभा क्षेत्र सत्ताधारी नेताओं का एकछत्र राज हैं. वह अब गठबंधन के बाद छिनता नजर आ रहा है।
आपको बता दे कि रालोद मुखिया का खुद बागपत लोकसभा की सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा हैं इसका सीधा असर मोदीनगर की राजनीति पर पड़ेगा. ऐसा होने से राजनीतिक समीकरण पूरू तरह बदल जाएंगे रालोद के कद्दावर नेता फिर सक्रिय होंगे। जिसका असर सत्ताधारी दल की राजनीति पर पड़ेगा।
चुनाव पर होगा असर
मोदीनगर विधानसभा के साथ- साझ बागपत लोकसभा में जाट समुदाय बड़ी भूमिका निभाता हैं .पहले के चुनावों में जाट समुदाय BJP और RLD के बीच बंटा हुआ था, लेकिन गठबंधन में RLD मजबूत होगी. इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के लिए 2027 में मोदीनगर विधानसभा चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.
नेताओं में बढ़ी बेचैनी
इससे सत्ता पक्ष के नेताओं में बेचैनी है जो उनके चेहरे पर साफ नजर आ रही है. हालांकि शीर्ष नेतृत्व इस फैसले को सही होने से इनकार कर रहा है. डॉ. सत्यपाल सिंह पिछले दस साल से बागपत लोकसभा से सांसद हैं. इनसे पहले चौ. अजित सिंह यहां के सांसद थे. वर्तमान में, बागपत लोकसभा में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें मोदीनगर, सिवालखास, छपरौली, बागपत और बड़ौत शामिल हैं.
मोदीनगर से कई बड़े नेता रालोद में होंगे शामिल?
मोदीनगर से डॉ. मंजू शिवाच, बड़ौत से केपी मलिक और बागपत से योगेश धामा विधायक हैं. बीजेपी के तीन विधायक हैं, जबकि गुलाम मोहम्मद रालोद के सिवालखास से और अजय तोमर छपरौली से हैं. सूत्रों की मानें तो कुछ ही दिनों में मोदीनगर की राजनीति के कई बड़े नेता रालोद में शामिल हो सकते हैं.