लोक सभा अध्यक्ष ने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित बिजनेस कॉन्क्लेव के उदघाटन सत्र को संबोधित किया

Lok Sabha Speaker

Lok Sabha Speaker: लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कहा कि भारत के ऊर्जावान और दूरदर्शी युवा पूरी दुनिया में इनोवेशन और रिसर्च में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने भारतीय महिलाओं की अद्वितीय शक्ति और सामर्थ्य की सराहना करते हुए कहा कि भारत की प्रगति और विकास में महिलाएं सबसे आगे हैं । इस बात का उल्लेख करते हुए कि आज महिलाएं व्यापक अवसरों का लाभ उठाते हुए  विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही हैं, अध्यक्ष महोदय ने आशा व्यक्त की कि निकट भविष्य में वे देश में पथप्रदर्शक के रूप में उभरेंगी। बिरला ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के सुप्रसिद्ध श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित बिजनेस कॉन्क्लेव में छात्रों और अन्य आमंत्रित व्यक्तियों को संबोधित करते हुए ये विचार साझा किए।

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कम उम्र से ही दूरदृष्टि विकसित करने के महत्व पर ज़ोर देते हुए, ओम बिरला ने देश की उन्नति को गति देने में युवाओं की अपरिहार्य भूमिका के बारे में बात की । उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के युवा और महिलाएं अपनी बुद्धिमता और कड़ी मेहनत से पूरी दुनिया में परिवर्तनकारी बदलाव लाएंगे।अपने निजी अनुभवों को साझा करते हुए, श्री बिरला ने विद्यार्थी जीवन को जीवन का “स्वर्णिम चरण” बताया और कहा कि इस समय उनके पास असीम अवसर और संभावनाएँ हैं । उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे शीघ्र अपनी दिशा तय करें, लक्ष्य निर्धारित करें और दृढ़ संकल्प के साथ उन्हें प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए महत्वाकांक्षा के साथ ही दृढ़ निश्चय और अटल इरादे की जरूरत होती है।

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ओम बिरला ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे संसाधनों की कमी को अपनी प्रगति में बाधा न बनने दें। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल स्थितियाँ हमें अवसरों तक ले जाती हैं । इस बात पर जोर देते हुए कि दृढ़ संकल्प से चुनौतियों को अवसरों में बदला जा सकता है, बिरला ने आत्मविश्वास के महत्व पर भी बल दिया ।  उन्होंने यह भी कहा कि सशक्त और सकारात्मक सोच से समाज और राष्ट्र की बेहतरी में योगदान देने के साथ ही व्यक्तिगत लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकते हैं।शिक्षा के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, ओम बिरला ने कहा  कि शिक्षा हमारे मन-मस्तिष्क को आलोकित करती है, आत्मा को संपुष्ट करती है और व्यक्ति को समाज के भीतर परिवर्तन और प्रगति का वाहक बनने की प्रेरणा देती है। उन्होंने युवाओं से राष्ट्र निर्माण के व्यापक लक्ष्य के साथ व्यक्तिगत रूप से प्रगति करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण विकसित करने का आग्रह किया ।
तकनीकी प्रगति के बारे में बात करते हुए, ओम बिरला ने स्वीकार किया कि तेजी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकी के परिदृश्य में मानसिक आयामों के विस्तार की अपार संभावना है। परंतु, उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि तकनीकी क्रांति को अपनाते हुए हमें इसके सामाजिक पहलू और इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के बारे में सचेत रहना चाहिए। नवाचार और अनुसंधान में भारत की बढ़ती कुशलता के बारे में बात करते हुए,ओम बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत जल्द ही दुनिया में परिवर्तन और प्रगति का अग्रदूत होगा । उन्होंने युवाओं से इस वैश्विक परिवर्तन का ध्वजवाहक बनने का आग्रह करते हुए कहा कि युवा हमारे देश की इस अपार क्षमता को साकार कर सकते हैं । उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि भारत के युवा और महिलाएं निस्संदेह दुनिया के भविष्य को निर्धारित करने  में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।ओम बिरला ने कड़ी प्रतिस्पर्धा  के वर्तमान युग में छात्रों को रचनात्मकता और विशाल दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को यह संदेश भी दिया कि असफलता सफलता की जननी है, तथा दृढ़ संकल्प और प्रतिभा ही सफलता का मार्ग है।

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