(प्रदीप कुमार): लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया। स्पीकर बिरला विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर बोलते हुए स्पीकर बिरला ने कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय ने भारतीय संस्कृति, परंपरा, योग और अध्यात्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। युग पुरुष पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा स्थापित यह विश्वविद्यालय उनके विचारों के माध्यम से विद्यार्थियों में आध्यात्मिक चेतना व विवेक का निर्माण कर रहा है।
उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि देव संस्कृति विश्वविद्यालय ने समाज की आवश्यकताओं को समझते हुए आपदा प्रबंधन, ग्राम प्रबंधन, विद्यालय प्रबंधन जैसे कई कोर्स भी संचालित किए हैं, जिससे राष्ट्र और समाज की समस्याओं का समाधान हो सके तथा हमारे युवाओं के लिए सहजता से पर्याप्त रोजगार भी उपलब्ध हो। ओम बिरला ने विश्वास व्यक्त किया कि यहां के विद्यार्थी देश-विदेश में भारतीय संस्कृति के अग्रदूत होंगे और युग परिवर्तन में अहम भूमिका निभाएंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए ओम बिरला ने कहा कि भारत ने विश्व को नई दिशा दी है। दुनिया जब भौतिक रूप से आगे बढ़ रही है, आध्यात्मिक और आंतरिक उन्नति के क्षेत्र में भारत की बराबरी कोई नहीं कर सकता है। भारत ऐसा देश है, जिसके पास एक समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत है। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमारी योग पद्धति, हमारी प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद, ध्यान, प्राणायाम, हमारा अध्यात्म, हमारी परंपरा, भारत का ज्ञान, यहाँ का दर्शन और धर्म संस्कृति, हमारा वेदान्त अतुलनीय है।
राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका पर बोलते हुए, ओम बिरला ने जोर देकर कहा कि डेमोक्रेसी और डेमोग्राफी भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। भारत के पास एक जीवंत और सशक्त लोकतंत्र है और दुनिया में सबसे अधिक कार्यशील जनसंख्या है। लेकिन इसी के साथ एक राष्ट्र के तौर पर हमारे सामने बड़ी चुनौती है कि हम अपनी युवा शक्ति का सही उपयोग करें। उन्होंने कहा कि राजनीति, समाज, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान से लेकर हर क्षेत्र में भारत के युवाओं ने समय के अनुसार भारत को आगे बढ़ाया है।
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उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि भारत के लिए भावी विकास कैसा होगा इसके लिए उन्हें अभी से काम करना होगा। इसमें नौजवानों का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है और इसीलिए युवाओं को वर्तमान समय में राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जब राष्ट्र का हर एक विद्यार्थी, हर एक युवा श्रेष्ठ बनने का प्रयास करेगा, तब वह राष्ट्र अपने आप ही सर्वश्रेष्ठ बन जाएगा। इस अवसर पर ओम बिरला ने उत्तीर्ण छात्रों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किये।
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