(प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजस्थान के मानगढ़ में 1913 में ब्रिटिश सेना द्वारा मारे गए आदिवासी सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया है। आदिवासी सीटों के समीकरण के लिहाज से पीएम मोदी का ये दौरा अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा से सटे राजस्थान के जिला बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम पहुंचे।यहां पीएम मोदी ने साल 1913 में ब्रिटिश सेना की गोलीबारी में जान गंवाने वाले आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी और एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इसी के साथ ही पीएम मोदी ने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया। पीएम मोदी के साथ इस दौरे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री,अशोक गहलोत और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे।
यहां जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि समाज के हर तबके में समभाव पैदा हो इसलिए गोविंद गुरु जी ने संप सभा बनाई। उनके आदर्श आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारे की प्रेरणा दे रहे हैं। उनके अनुयायी आज भी भारत की आध्यात्मिकता को आगे बढ़ा रहे हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वो अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी। एक ओर आजादी में निष्ठा रखने वाले भोले-भाले आदिवासी भाई-बहन तो दूसरी ओर दुनिया को गुलाम बनाने की सोच। मानगढ़ की इस पहाड़ी पर अंग्रेजी हुकूमत ने डेढ़ हजार से ज्यादा युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं को घेरकर मौत के घाट उतार दिया। एक साथ डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों की जघन्य हत्या करने का पाप किया। दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस संघर्ष और बलिदान को आजादी के बाद लिखे गए इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए थी नहीं मिली।
बांसवाड़ा जिले का मानगढ़ धाम आदिवासियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। बताया जाता है कि वर्ष 1913 में यहां 1,500 आदिवासी-भीलों का नरसंहार हुआ था।ऐसे में सवाल उठ रहा है कि गुजरात चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी के इस दौरे के राजनीतिक मायने क्या हैं? क्या गुजरात के साथ-साथ 2023 में राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों पर पीएम मोदी की नजर अभी से है?
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अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान की धरती तो बहुत पहले से आदिवासी समाज की देशभक्ति की गवाह रही है। इसी धरती पर हमारे आदिवासी भाई-बहन महाराणा प्रताप के साथ उनकी ताकत बनकर खड़े हुए थे। हम आदिवासी समाज के बलिदानों और उनके योगदान के ऋणी हैं।
बांसवाड़ा जिला मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के बॉर्डर पर है। पीएम मोदी ने तीनों राज्यों की 99 विधानसभा सीटों पर निशाना साधा है। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 47 तो वहीं 6 लोकसभा सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। वहीं, राजस्थान में 25 और गुजरात में 27 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। जबकि 80 से ज्यादा सीटों पर इनका प्रभाव है।
गुजरात और मध्य प्रदेश के आदिवासियों को साधने के लिए बीजेपी काफी समय से कोशिश कर रही है। गुजरात में भी आदिवासी वोट की अहमियत काफी है। राज्य में कुल 14.7 फीसदी आदिवासी वोटर्स हैं जो किसी भी राजनीतिक पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।कांग्रेस का इन सीटों पर प्रदर्शन पिछली बार काफी अच्छा रहा था।
2017 के गुजरात चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इस चुनाव में बीजेपी महज 99 सीटें ही जीत पाई थी। अब होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी 150 सीटों का टारगेट लेकर चल रही है। ऐसे में पार्टी को पता है कि बिना आदिवासियों के वोटों के ये संभव नहीं हो पायेगा। जाहिर है गुजरात चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी के मानगढ़ दौरे ने आदिवासी राजनीति की अहमियत बढ़ा दी है।
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