Madhya Pradesh: पानी की हर बूंद मायने रखती है। इसी बात को अपनाते हुए मध्य प्रदेश के घने जंगलों के बीच बसा आदिवासी गांव पल्थरा अब स्वच्छता और ग्रे वाटर प्रबंधन का मॉडल गांव बन चुका है। गांव में बेहद सरल और असरदार सिस्टम के जरिए जल प्रबंधन किया जा रहा है। रोजमर्रा के कामों से निकलने वाले अपशिष्ट जल को किचन गार्डन में भेजा जाता है, जिससे हरी–भरी सब्जियां उगती हैं। पास में ही, मवेशी उसी बचाए गए पानी से भरे टैंक से पानी पीते हैं। ये टिकाऊ जीवन शैली की झलक पेश करता है।
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स्थानीय गैर सरकारी संगठन के सहयोग से, गांव वालों ने ग्रे–वाटर प्रबंधन को अपनाया। साथ ही उन्होंने इसे दोबारा इस्तेमाल में लाना, रिसायकल करना और अपने जल संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना सीखा। उन्हें पानी की कमी और बर्बादी के दिन याद हैं। हालांकि आज उन्हें इस बात पर नाज है कि उनके गांव में ऐसी एक स्थायी प्रणाली है जिससे उनकी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी मिलता है। पल्थरा मध्य प्रदेश का इकलौता गांव है जहां ग्रे वाटर प्रबंधन हुआ है। ये अब दूसरे गांवों को न सिर्फ पानी की अहमियत समझा रहा है बल्कि उन्हें पानी बचाने और बेहतर तरीके से इसे इस्तेमाल करने की राह भी दिखा रहा है। Madhya Pradesh:
