Maharashtra Political Crisis: पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र की राजनीति में आया भूचाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार को शिवसेना के बागी हुए विधायक एकनाथ शिंदे के साथ 40 से ज्यादा विधायकों का समर्थनों होने का दावा करते हुए कहा गया था कि, शिंदे अपने समूह के साथ एक नई पार्टी बनाने जा रहे हैं, जिसका नाम ‘शिवसेना बालासाहेब’ रखने पर विचार किया जा रहा है। इस ऐलान के बाद नाराज शिवसेना ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा।
शिवसेना ने पत्र में कही ये बात
शिवसेना द्वारा चुनाव आयोग को लिखे गए पत्र में कहा गया कि, किसी को भी शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीपक केसरकर ने कहा कि, हम शिवसेना से अलग नहीं है। हमने शिवसेना का अलग नाम नहीं मांगा है, हम शिवसेना के विचार को लेकर आगे चलने वाले हैं। बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने आगे कहा कि, एकनाथ शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता बने हुए है। उन्होंने कहा कि, हम बालासाहेब के शिव सैनिक हैं। हमने शिवसेना नहीं छोड़ी है, हम शिवसेना के टिकट पर चुने गए विधायक हैं।
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उद्धव ठाकरे को अपनी हार मान लेनी चाहिए-दीपक केसरकर
उन्होंने आगे कहा कि, डिप्टी स्पीकर हमें मान्यता दें। मीटिंग में नहीं जाने से हमें अयोग्य नहीं बताया जा सकता। दीपक केसरकर ने कहा कि, उद्धव ठाकरे को अब अपनी हार मान लेनी चाहिए। बता दें कि, एक तरफ जहां शनिवार को मुंबई में उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी की कार्यकारिणी में ललकार रहे थे तो वहीं दूसरी ओर गुवाहाटी में डेरा डाले शिवसेना के बागी हुए 38 विधायक ‘नई शिवसेना’ बनाने की रणनीति तैयार कर रहे थे। इतना ही नहीं नई पार्टी का नाम ‘शिवसेना बालासाहेब’ तक रखने का ऐलान भी कर दिया। हालांकि शिंदे के समूह के ऐलान के बाद शिवसेना की तरफ से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया गया कि, बालासहेब के नाम का दुरुपयोग न हो, इसके लिए शिवसेना ने चुनाव आयोग का रुख किया।