कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन भरने के साथ यह साफ है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ही पार्टी के अगले अध्यक्ष होंगे

(प्रदीप कुमार): कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा ये तस्वीर नॉमिनेशन के आखिरी दिन साफ हो गई है। कुछ दिन पहले तक राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का नाम फाइनल माना जा रहा था लेकिन राज्य की कमान कौन संभालेगा, इस झगड़े के बाद सबकुछ बदल गया। इस पूरे एपिसोड के बाद नए अध्यक्ष के लिए दिग्विजय सिंह समेत कुछ और नेताओं के नाम चलने शुरू हो गए। कल तक दिग्विजय सिंह का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था लेकिन आखिरी वक्त में खड़गे की एंट्री होती है।

नामांकन के एक दिन पहले तक दिग्विजय सिंह का नाम तय माना जा रहा था लेकिन रातोंरात गेम पलट गया। नॉमिनेशन के आखिरी दिन आज शुक्रवार सुबह ख़बर आयी कि मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। इस खबर के आने के कुछ देर बाद ही खड़गे से मिलने दिग्विजय सिंह पहुंच जाते हैं। इधर सस्पेंस बढ़ रहा था। दिग्विजय सिंह मीडिया के सामने आते हैं और कहते हैं कि वो खड़गे के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे। वो मेरे सीनियर हैं। इसके बाद खड़गे के नाम को लेकर नेताओं के बयान आने शुरू हो गए। एक के बाद एक पार्टी के लगभग सभी बड़े नेताओं ने उनका समर्थन किया।

 

Read Also – जौहर यूनिवर्सिटी ममलै सुप्रीम कोर्ट से सपा नेता आजम खान को नहीं मिली राहत

 

वहीं दूसरी ओर शशि थरूर के नॉमिनेश के दौरान कोई बड़ा नेता उनके पीछे खड़ा नजर नहीं आया। यहां तक की जिन नेताओं की गिनती पार्टी के भीतर जी-23 में होती है उसमें मनीष तिवारी और आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्मीदवारी का समर्थन किया।खड़गे की जीत तय है और यह भी साफ हो गया कि 80 वर्षीय खड़गे ही गांधी परिवार की पसंद हैं।

खड़गे जमीनी नेता है।खड़गे कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।वे 8 बार विधायक और 2 बार लोकसभा सांसद रहे हैं।अभी राज्यसभा के सदस्य हैं।अपने राजनीतिक जीवन में वो सिर्फ एक बार चुनाव हारे हैं और वो भी 2019 का लोकसभा चुनाव।खड़गे का लगातार 10 चुनाव जीतने का ट्रैक रिकॉर्ड है।8 बार विधानसभा और 2 बार लोकसभा।

दोनों यूपीए सरकार में भी खड़गे की अहम भूमिका रही है। संगठन में भी उनकी भूमिका काफी अहम है।कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता रहने के अलावा वो वहां के गृह मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री भी रह चुके हैं। यूपीए-2 में मई 2009 से जून 2014 तक खड़गे श्रम और रोजगार मंत्री रहे हैं।जून 2013 से मई 2014 तक खड़गे ने रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली।2014 में पार्टी के हार के बाद वो लोकसभा में कांग्रेस के नेता रहे और अभी राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं।

 

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *