(प्रदीप कुमार): दिल्ली में एमसीडी चुनाव का मुकाबला संपन्न हो गया है। मतदान को लेकर वोटरों ने काफी उत्साह दिखाया। लेकिन परिसीमन के बाद पहली बार हुए एमसीडी के चुनाव में बड़ी तादाद में वोटर अपना वोट नहीं डाल पाए। इसको लेकर नई राजनीतिक लड़ाई भी शुरू हो गई है। दिल्ली में एमसीडी चुनाव की वोटिंग के लिए पोलिंग बूथ का गेट खुला तो मतदाता दौड़ लगाते नजर आए। मतदाताओं के वोट डालने के उत्साह की यह तस्वीरें दिल्ली में जगह-जगह से सामने आयी। लेकिन जब काफी वोटरों को वोटर लिस्ट में अपना नाम नही मिला तो नाराज़गी भी सामने आयी।
MCD के इस चुनाव में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। नए परिसीमन के कारण इस बार वोटरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।कई जगहों पर वोटर लिस्ट में लोगों का नाम नहीं मिलने से उन्हें बिना वोट डाले ही वापस जाना पड़ा। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी का नाम भी वोटर लिस्ट में नहीं मिला, जिसके कारण वे वोट नहीं डाल सके। अनिल कुमार चौधरी ने दिल्ली में जगह-जगह वोटर लिस्ट में नाम डिलीट करने को बड़ी साजिश बताते हुए बीजेपी आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
अनिल कुमार चौधरी ने आरोप लगाया कि दिल्ली में खासतौर से दलित और मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं और इसके लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों ही जिम्मेदार है। इधर बीजेपी ने अपने वोटरों के नाम काटने का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी को घेरा है। दिल्ली बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए इसे बड़ी साजिश बताया। बीजेपी सांसद ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने बीजेपी समर्थकों का वोट काट दिया है।मनोज तिवारी ने कहा कि हमने दिल्ली चुनाव आयुक्त से शिकायत की है। अभी हम लोग लीगल एक्शन भी लेंगे’।
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इधर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मतदाताओं के नाम काटने को बड़ी साजिश बताते हुए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। सिसोदिया ने कहा कि ‘पोलिंग बूथ के बाहर लोगों ने वोटर लिस्ट में अपना नाम नहीं होने की शिकायत की है।एक साजिश के तहत कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं।
बरहाल दिल्ली एमसीडी चुनाव में एक तरफ बीजेपी लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी की जद्दोजहद में है तो वही दिल्ली की सत्ता पर काबिज बीजेपी एमसीडी में अपना परचम लहराना चाहती है इधर कांग्रेस एमसीडी चुनाव के जरिए अपना खोया जनाधार वापस पाना चाहती है ऐसे में कौन कितना कामयाब होगा इसका फैसला जनता जनार्दन करेगी।