Mental Health: काम में मन न लगना, अपने काम को बेहतर तरीके से न कर पाना, ऑफिस आने में देरी होना, किसी से बात करने की इच्छा न होना, लेट से सोना और लेट से उठना ये सारे लक्षण अगर आपको भी दिख रहे हैं तो आपको सतर्क होने की जरुरत है। ऐसा इसलिए की ये समस्याएं आम समस्या से कहीं परे हैं, ये आपको डिप्रेशन की ओर ढकेल रहे हैं। समय रहते सतर्कता और एक्सपर्ट्स की राय ही आपको इससे छुटकारा दिला सकती है।
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बता दें, आजकल लोगों को काम का प्रेशर रहता है। ऐसे लोगों पर अमेरिका में एक शोध किया गया। शोधकर्ताओं की रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में 34 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो इस डिप्रेशन के शिकार हैं और केवल अमेरिका ही नहीं पूरे विश्व में 28 करोड़ लोग इस डिप्रेशन की समस्या से जुझ रहे हैं। लेकिन चौकाने वाली बात तो ये है कि इन लोगों को डिप्रेशन के इन लक्षणों पर ध्यान ही नहीं रहता या यूं कहें की वो इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इसमें सबसे ज्यादा आपके काम की आदते हैं।
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डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में बात की जाए तो आपको अपने वर्कप्लेस पर होने वाली खुद की आदतों पर गौर करने की जरुरत है। जैसे- किसी भी काम को बिना रुके करते रहना, दूसरे शब्दों में कहें तो किसी काम में इतना विलीन हो जाना की कुछ याद ही न रहे। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि आपकी अपने काम के अलावा होने वाले अन्य समस्याओं पर नजर न जाए लेकिन आपको ये भी जानना बेहद जरुरी है कि ये आदतें आपके मेंटल हेल्थ को बिगाड़ रही हैं।
इसके अलावा अगर आप अपने साथ काम कर रहे लोगों के साथ अच्छे से रहते थे और अचानक से आपका मन उनसे बात करने का न हो। आपका व्यवहार उनके प्रति बदल जाए और आप सबसे दूर अकेले रहने लगें तब भी आपको अपने बदले हुए व्यवहार पर विचार करने की आवश्यता है। अगर आपका मन आपके काम में न लगे। काम करते-करते अपना ध्यान कहीं और चला जाए। आप अपना काम सहीं समय पर न कर पाएं। रात को नींद नहीं लगना, सुबह देर से उठना। ऑफिस टाइम पर न पहुंच पाना। ये सारे लक्षण अगर आपको खुद में दिखाई दें तो आपको एक्सपर्ट्स की सलाह लेनी चाहिए।