अजय पालGanesh Chaturthi:देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. मान्यता है कि हिन्दू धर्म में प्रथम पूज्य गणेश जी है कोई भी शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा को विधि विधान से अपने घर में स्थापित कर 10 दिन के बाद मुहूर्त के हिसाब से गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
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गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश भर से भक्त लालबाग के राजा के दर्शन करते हैं। जब गणेश चतुर्थी की बात आती है, तो लालबाग के राजा के दर्शन को भारी संख्या में लोग आते हैं। कोविड के बाद, भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए उमड़ पड़े और पूरी श्रद्धा से पूजा-अर्चना की।गणेशोत्सव के चौथे दिन मुंबई में भगवान गणेश के पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिख रही है।मुंबई के सबसे बड़े पंडालों में से एक लालबाग के राजा के दर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे।मंगलवार को शुरू हुआ गणेश चतुर्थी 10 दिनों का गणपति उत्सव 28 सितंबर को खत्म होगा।
गणेश चतुर्थी की धूम -गणेश चतुर्थी का पर्व जो हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह के चौथे दिन से शुरू होता है।गणेश चतुर्थी का पर्व महाराष्ट्र,पश्चिमी और दक्षिणी भारत के अन्य हिस्सों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है,जिसमें लाखों भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद लेने के लिए पंडालों में एकत्रित होते हैं।गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या विनायक चविथी के नाम से भी जाना जाता है।आम बोलचाल में इसे गणेशोत्सव भी कहा जाता है।भक्त 10 दिनों के लिए बप्पा को घर में लेकर आते हैं और उनकी पूजा और अर्चना करते हैं.10 दिन बाद बप्पा की धूमधाम से विदाई करते है।
प्रिय भोग मोदक – इस गणपति अगर आप भगवान गणेश को खुश करना चाहते हैं तो बप्पा को तरह तरह के लड्डुओं का भोग लगाइए। बप्पा तो प्रसन्न होंगे ही, प्रसाद पाने वाले भक्त भी खुश हो जाएंगे । यहां हम आपको चार तरह के लड्डू के बारे में बताने जा रहे हैं।
1.चावल के आटे और मावा के मोदक
2.मोतीचूर के लड्डू
3.साबूदाना मोदक
4.बेसन के लड्डू