यूपीए सरकार के 10 साल में राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरंदाज किया गया – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman in Lok Sabha:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि यूपीए सरकार के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा से भारी समझौता किया गया था।भारत की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन पर इसके असर पर लाए गए श्वेत पत्र पर लोकसभा में सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार रक्षा क्षेत्र के भारी नजरंदाज और भ्रष्टाचार किया था। इनमें 3,600 करोड़ रुपये का अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मुख्य था।सीतारमण ने कहा, “2014 का मुख्य फीचर था, यहां माननीय रक्षा मंत्री मौजूद हैं। मैं उनके सामने कह रही हूं। हमारे सैनिकों के लिए बुलिट प्रूफ जैकेट उपलब्ध नहीं थे। बंदूक लेकर हमारे एनिमी खड़े होते, तो उनके पास उनका अपने प्रोटेक्शन गियर तक नहीं था। नाइट विजन ग़ॉगल्स उपलब्ध नहीं थे।”

2011 और 2014 के बीच परियोजनाओं को निपटाने का औसत समय 86 दिन से बढ़कर 316 दिन हो गया।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 10 साल की कोशिशों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला दिया है।उन्होंने कहा कि यूपीए कार्यकाल मेंं हर साल औसतन एक बड़ा भ्रष्टाचार हुआ और आम लोगों का मोह भंग हुआ।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2024-25 के लिए रक्षा बजट को दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर 6.22 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, जबकि 2013-14 में ये 2.53 लाख करोड़ रुपये था।

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निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री:  रक्षा क्षेत्र में हथियारों की भारी कमी रही। 2014 का मुख्य फीचर था, यहां माननीय रक्षा मंत्री मौजूद हैं। मैं उनके सामने कह रही हूं। हमारे सैनिकों के लिए बुलिट प्रूफ जैकेट उपलब्ध नहीं थे। बंदूक लेकर हमारे एनिमी खड़े होते, तो उनके पास उनका अपने प्रोटेक्शन गियर तक नहीं था। नाइट विजन ग़ॉगल्स उपलब्ध नहीं थे। इसलिए रात में वे कुछ नहीं कर सकते थे। ये हालात थे। आप कह सकते हैं कि सिर्फ इतनी ही कमी थी। उनके विचारों को देखें कि वे किस तरह राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरंदा्ज कर रहे थे। ए. के. एंटनी जी ने भी कई बार कहा कि उनका मंत्रालय ने रक्षा मद में बजट का 92 फीसदी इस्तेमाल कर लिया है। मुख्य खरीदारी होनी बाकी है और पैसे नहीं हैं। डिफेंस एक्सपो का 2014 में उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री ने प्रगति मैदान में कहा, ‘पैसे नहीं बचे हैं। सभी मुख्य परियोजनाओं को पहली अप्रैल का इंतजार करना होगा।’ मतलब गवर्मेंट बदल रही है, तो समझ में आ गया है। मैं कुछ नहीं कर पाउंगी। मेरे हाथ में पैसा नहीं है। आप पहली अप्रैल का इंतजार करें। सीमा पर जवान को मैसेज दिया जा रहा है, तब तक लड़ो कैसे भी, तब तक मेरे से नहीं होगा। ये था उनका एटीट्यूड। इसके अलावा मैं बता सकती हूं रक्षा में कितना भ्रष्टाचार हुआ करता था। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर स्कैम 2013 का 3,600 करोड़ का था। और सीएजी ने 2011 में आर्टिलरी बंदूकें खरीद में देरी के लिए रक्षा मंत्रालय की खिंचाई की थी।”

(Source PTI)

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