दिल्ली में लगातार प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। इसी को देखते हुए आप सरकार की ओर से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत प्रदूषण की रोकथाम के उपाय दिल्ली–एनसीआर क्षेत्र में लागू होंगे।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति – डीपीसीसी ने आवश्यक या आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग किए जाने वाले लोगों को छोड़कर अगले आदेश तक दिल्ली में डीजल, पेट्रोल या मिट्टी के तेल पर चलने वाली सभी तरह के बिजली जनरेटर सेट के ऑपरेशन पर बैन लगा दिया है। जरूरी सेवाओं में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, लिफ्ट, रेलवे सेवाएं, दिल्ली मेट्रो, एयरपोर्ट और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित डेटा सेंटर शामिल हैं। DPCC ने उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बिजली कंपनियों को भी निर्देशित किया है।
ईपीसीए ने पहले निर्देश दिया था कि राजमार्गों और मेट्रो सहित बड़ी निर्माण परियोजनाओं को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और प्रदूषण नियंत्रण समितियों को उपक्रम प्रदान करना होगा कि वे धूल प्रबंधन के लिए निर्धारित मानदंडों का पालन करने का आश्वासन देंगे। यह भी कहा गया है कि उद्योग, विशेष रूप से लाल और ऑरेंज कैटेगरी में, एक उपक्रम प्रदान करेगा कि वे केवल अधिकृत ईंधन का उपयोग करेंगे और पर्याप्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों के बिना काम नहीं करेंगे।
हाल में ही वीरवार को दिल्ली के आईटीओ में सबसे अधिक 372 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया। विवेक विहार में एक्यूआई 370, शादीपुर में 359 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में सुबह 11.10 बजे एक्यूआई 315 दर्ज किया था। हवा की गुणवत्ता इतने खराब स्तर पर बीते फरवरी में थी। बुधवार की बात करें तो 24 घंटे की औसत एक्यूआई बुधवार को 276 थी, जो खराब की कैटेगरी में था। वहीं, इससे पहले 13 अक्टूबर का औसत एक्यूआई 300, 12 अक्टूबर का औसत एक्यूआई 261, 11 अक्टूबर का 216, 10 अक्टूबर को औसत एक्यूआई 221 था।
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