कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को मानहानी के एक नए मामले में दोषी ठहराए जाने और उनकी संसद सदस्यता रद्द किए जाने पर ज्यादातर विपक्ष उनके समर्थन में उतर आया है, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पूरे मामले पर चुप्पी कई सारे सवाल खड़े करती है। Bihar news
शुक्रवार को बिहार विधानसभा में मौजूद नीतीश कुमार ने कांग्रेस सांसद की दोषसिध्दि और सजा पर जनता दल यूनाइटेड की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। दिलचस्प बात यह है कि जनता दल यूनाइटेड का कोई भी विधायक महागठबंधन के उन राजनीतिक दलों में शामिल नही हुआ जिनमें राजद, कांग्रेस, सीपीएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा शामिल थे और विधानसभा में राहुल गांधी की सजा के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
हालांकि जनता दल यूनाइटेड के नेता और वित्त मंत्री विजय चौधरी ने इस मुद्दे प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद की सजा को एक ऐसा कदम बताया, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है।
भाजपा पकर हमला करने से क्यों बचते हैं नीतीश ?
यह कहा जा सकता है कि ये बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के किसी मुद्दे पर एकमत न होने का दूसरा मामला है। क्योंकि तेजस्वी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थन में रहे और उन्होंने कहा, चक्रव्यूह रच विपक्षी नेताओं पर ED, IT,CBI से दबिश करवाओ। फिर भी बात ना बने तो घिनौना षडयंत्र के अंतर्गत विभिन्न शहरों में आधारहीन मुकदमे करवओ ताकि हैडलाइन मैनेजहमेंट में कोई कोर कसर ना रह जाए। यह संविधान, लोकतंत्र, राजनीति और देश के लिए अतिगंभीर चिंता का विषय है।
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दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी यादव आज नई दिल्ली में नौकरी के लिए जमीन घोटाले के मामले में सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होंगे। बिहार के डिप्टी सीएम के खिलाफ नौकरी के लिए भूमी घोटाले में कोई भी प्रतिकूल विकास नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक और राजनीतिक उलटफेर करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।