केंद्र के फैसले के बाद बढ़ने लगे प्याज के दाम, टमाटर के बाद अब प्याज निकालेगी आंसू

टमाटर के बाद अब प्याज की कीमत में बढ़ोतरी आम आदमी के आंसू निकाल रही है। घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले के बाद प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्याज पर पहली बार निर्यात शुल्क लगाया गया है।इस बीच दिल्ली में प्याज का खुदरा बिक्री मूल्य 37 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया। प्याज की कीमत बढ़ने के बाद देश के प्रमुख शहरों में लोगों की चिंता बढ़ गई है।

पहले 10-15 रूपये किलो थी आज अब 30 रूपये किलो है। मतलब पब्लिक जनता का नुकसान है।जब लोडिंग बंद हो जाएगी तब जनता को 15 रूपये किलो मिलेगी। गरीब आदमी वैसे ही खा नहीं पा रहा है। आपको लगता है कि प्याज टमाटर से ज्यादा महंगी हो सकती है?नासिक में बेमौसम बारिश से प्याज की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इसी वजह से पिछले एक हफ्ते में थोक बाजार में प्याज की कीमत औसतन 12 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई हैं।प्याज के रेट अभी मिनिमम 23 रूपये से 22 रूपये से लेकर 27 28 के बीच में बिक रही है मार्केट के अंदर बाहर के तो उसपर हम लोगों का कोई कंट्रोल नहीं है। क्योंकि हम लोग थोक विक्रेता हैं। हमारा जो रेट आता है नासिक से मध्य प्रदेश से उसके हिसाब से भाड़ा जो किराया जोड़ कर उसको बेचा जाता है।

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लोगों का सारा का सारा घर का बजट बिगड़ गया जो लोग सक्षम है वो तो खरीद लेते हैं जो लोग मीडियम क्लास है लॉ मीडियम क्लास हैं उसके लिए तो सारा चीज बजट पर ही होता है। सैलरी पेड आदमी उसकी तनख्या थोड़ी न बढ़कर के मिलती है। जिसकी सैलरी फिक्स है उसको तो उतने ही पैसे मिलने हैं। उसको तो बजट अपने घर का उसी हिसाब से चलाना है। आलू, प्याज टमाटर ये जो चीज है ये तो बहुत ही जनरल चीज है आदमी को किचन में चाहिए ही चाहिए।

नई फसल आने वाली है सितंबर में तो उससे अगर दबाव बढ़ गया माल अच्छा आया बारिश से नुकसान नहीं हुआ तो रेट नहीं बढ़ेंगे। अगर बारिश हो जाती है बेंगलौर या कोलापुर फिर रेट बढ़ सकते हैं सरकार ने इस साल 3 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखा है। प्याज की कीमतें काबू में रहें इस इरादे से पिछले सप्ताह से इसे बाजार में भी भेज दिया गया हैदिल्ली, असम, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की थोक मंडियों में अब तक 2,000 टन प्याज बफर स्टॉक से बेचा जा चुका है। बाजार में प्याज की कमी न हो इसके लिए बफर स्टॉक का इस्तेमाल आमतौर पर अगस्त से नई फसल के आने तक किया जाता है शंखाएं थीं जरूर पर अब रेट बढ़ेगा नहीं। क्योंकि सरकार जो अपना प्याज स्टोक करती थी उसने प्याज का बेचने का ऑर्डर दे दिया है आसानी से यहीं प्याज बिकेगी 20 रूपये किलो इससे ऊपर का रेट अब नहीं जाएगा सियासत के लिहाज से देश में प्याज बहुत संवेदनशील मुद्दा है।महंगी होने पर ये आम आदमी के आंसू तो निकालती ही है, सरकारों पर भी असर डालती है। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों तक ये मुद्दा बना रहता है या नहीं, अभी कहना मुश्किल है।

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