लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुणवत्तापूर्ण विधायी प्रारूपण के महत्व और विधायी प्रक्रियाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा दिए जाने वाले सुझावों के महत्व पर जोर दिया। विधायी प्रारूपण की प्रक्रिया में व्यापक परामर्श का आह्वान करते हुए, बिरला ने कहा कि कानून का प्रारूप तैयार करते समय पर्याप्त सुझाव न लिए जाने का प्रभाव सरकार की कार्यप्रणाली और विधि निर्माताओं द्वारा विधायी जांच पर पड़ता है।
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हरियाणा विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम में उद्घाटन भाषण देते हुए, ओम बिरला ने कहा कि विधिनिर्माताओं को कानून का प्रारूप तैयार करने के प्रारंभिक चरण में शामिल किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जिन लोगों का वे प्रतिनिधित्व करते हैं उनके विचार और सरोकार प्रस्तावित क़ानूनों में पर्याप्त रूप से प्रतिबिंबित हों। ओम बिरला ने यह भी कहा कि विधिनिर्माताओं और मूल मंत्रालय के बीच सहयोग से कानून की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाया जा सकता है, जिससे यह जनता के लिए अधिक प्रासंगिक और लाभकारी होगा और इससे सुविचारित निर्णय लेने और शासनव्यवस्था को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।
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ओम बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रभावी कानून बनाने के लिए विधायी प्रारूपण की जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, जनप्रतिनिधियों को विधायी प्रारूपण के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में शामिल होना चाहिए। विभिन्न विधायी मंचों पर हुए चर्चा-संवाद के बारे में बात करते हुए उन्होंने राज्य विधान सभाओं के वाद-विवाद के डिजिटलीकरण में तेजी लाने का भी सुझाव दिया ताकि निर्वाचित सदस्यों को यह जानकारी आसानी से उपलब्ध हों और वे उन मूल्यवान अभिलेखों का उपयोग कानून निर्माताओं के रूप में कौशल को निखारने के लिए कर सकें।
चंडीगढ़ स्थित राज्य विधानसभा परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी; हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष, हरविंदर कल्याण; उत्तर प्रदेश और पंजाब के पीठासीन अधिकारी, हरियाणा सरकार के मंत्री और हरियाणा विधान सभा के सदस्य भी शामिल हुए।
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वित्तीय स्वायत्तता के लिए राज्य विधान सभाओं द्वारा उठाए गए मुद्दे के बारे में बात करते हुए ओम बिरला ने कहा कि वित्तीय स्वायत्तता से राज्य विधान सभा की दक्षता बढ़ेगी । उन्होंने इस मुद्दे पर हितधारकों के बीच व्यापक परामर्श का आह्वान किया। सदन में सार्थक बहस और चर्चाओं पर जोर देते हुए, श्री बिरला ने विधान सभा सदस्यों से आग्रह किया कि वे जिन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनसे जुड़ें, उनकी चिंताओं को समझें और उन्हें सदन में उठाएं। उन्होंने कहा कि विधान सभा सदस्यों के लिए राज्य का नेता बनने का उपयुक्त मंच है।
यह टिप्पणी करते हुए कि सदस्यों को सदन में नियमों के दायरे में रहकर मुद्दे उठाने चाहिए, बिरला ने हरियाणा विधान सभा में पहली बार निर्वाचित विधायकों को नियमों और प्रक्रियाओं का गहन अध्ययन करने की सलाह दी ताकि वे लोगों के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठा सकें। उन्होंने सदस्यों से सदन की कार्यवाही में नियोजित व्यवधान से बचने का आग्रह किया। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की समीक्षा करने में विधानमंडल जितना अधिक प्रभावी होगा, शासन उतना ही पारदर्शी होगा और कार्यपालिका उतनी ही अधिक जवाबदेह होगी।
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वर्तमान युग को प्रौद्योगिकी और नवाचारों का युग बताते हुए अध्यक्ष महोदय ने विधि निर्माताओं से अपनी भागीदारी को और अधिक प्रभावी और सार्थक बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करने का आह्वान किया।ओम बिरला ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ विधायक वह है जो विधानसभा में सार्थक चर्चा करे, व्यापक अध्ययन के आधार पर मुद्दों पर चर्चा करे और नवाचार के युग में प्रौद्योगिकी का उपयोग करे । उन्होंने नव निर्वाचित विधायकों को सर्वश्रेष्ठ विधायक बनने की आकांक्षा रखने और प्रभावी चर्चा और संवाद के माध्यम से सदन की प्रक्रियाओं का उपयोग करते हुए लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
हरियाणा और हरियाणा विधान सभा के योगदान के बारे में विचार व्यक्त करते हुए,ओम बिरला ने कहा कि हरियाणा ने देश के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हरियाणा विधान सभा के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने और राज्य के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के एक प्रभावी मंच के रूप में हरियाणा विधान सभा के कामकाज की सराहना की। इस अवसर पर, बिरला के नेतृत्व में हरियाणा विधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।
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हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष, हरविंदर कल्याण ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री, नायब सिंह सैनी ने विशिष्ट सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, सतीश महाना ने भी अपने विचार व्यक्त किए । हरियाणा विधान सभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने धन्यवाद ज्ञापित दिया। हरियाणा के मुख्यमंत्री, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष, हरविंदर कल्याण और अन्य गणमान्य लोगों ने हरियाणा विधानसभा में ओम बिरला का गर्मजोशी से स्वागत किया। विधान सभा परिसर में आगमन पर ओम बिरला को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।